बिहार के भोजपुर जिले में बढ़ते अपराध के बाद से प्रशासन ने ऑपरेशन क्लीन के तहत इन दिनों बड़ा अभियान चला रखा है. भोजपुर जेल पर प्रशासन की पैनी निगाहें है. डीएम और एसपी के बाद जेल अधीक्षक ने खुद जेल के अंदर छापेमारी कर शनिवार को 35 मोबाइल जब्त किया था. 35 मोबाइल मिलने के बाद जेल प्रशासन से लेकर जिला और पुलिस प्रशासन तक में खलबली मच गई थी.
जेल अधीक्षक ने आनन-फानन में जेलर समेत उच्च रक्षित कक्षपाल और कक्षपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इतना ही नहीं जिन कैदियों के पास से मोबाइल मिले थे उन सभी के खिलाफ थाने में केस दर्ज करवाया गया. इसके बाद इस पूरे मामले में जेल आईजी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 17 कैदियों को भागलपुर जेल स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. जिलाधिकारी के निर्देश के बाद जेल अधीक्षक संदीप कुमार ने 17 कैदियों को भागलपुर के केंद्रीय कारा और शहीद जुब्बा साहनी कारा के लिए स्थानांतरित कर दिया है.
जेल प्रशासन की दलील है कि इन कैदियों के भोजपुर जेल से हट जाने के बाद भोजपुर में बढ़ते अपराध को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. वैसे भी समय-समय पर कैदियों का स्थानांतरण होता रहता है लेकिन इतनी भारी संख्या में कैदियों के स्थानांतरण के बाद जेल से अपराधिक वारदातों को साजिश रचने की गतिविधि पर काफी अंकुश लगाया जा सकेगा.
जेल प्रशासन के इस फैसले से भोजपुर जेल में बंद कैदियों में हड़कंप मच गया है. वैसे तो समय-समय पर कैदियों को स्थानांतरित किया जाता रहा है लेकिन यह पहला मौका है जब लंबे अरसे के बाद एक साथ 17 कैदियों को जेल से दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया है. उधर जिन कैदियों के पास से मोबाइल जब्त किया गया है उनसे जेल प्रशासन के अलावा भोजपुर पुलिस से पूछताछ करने में जुटी हुई है.
जिलाधिकारी राजकुमार के हस्तक्षेप से भोजपुर में अपराध नियंत्रण के लिए ऑपरेशन क्लीन मुहिम शुरू की गई है. इसमें जेल के बाहर आपराधिक वारदातों को रोकने और जेल के अंदर से साजिश रचने कोशिशों को हर संभव रोकने के प्रयास में जुटा हुआ है.