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जी-7: चीन के खिलाफ एकजुट मुकाबले पर सहमति, उइगरों के मुद्दे पर बहिष्कार

अमेरिका ने शनिवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में लोकतांत्रिक देशों पर बंधुआ मजदूरी प्रथाओं को लेकर चीन के बहिष्कार का दबाव बनाने की योजना तैयार की है। बाइडन चाहते हैं कि जी-7 के नेता उइगर मुस्लिमों व अन्य अल्पसंख्यकों से जबरन मजदूरी के खिलाफ एक सुर में आवाज उठाएं। शनिवार को ही ऐतिहासिक साझा स्वास्थ्य घोषणा पत्र पर भी दस्तखत होंगे ताकि महामारी फिर जल्द पैर न पसार सके। दुनिया के सबसे अमीर जी-7 देशों का समूह वैश्विक महामारी को दोबारा पनपने से रोकने के लिए अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसे में कार्बिस बे हैल्थ डिक्लेरेशन एक ऐतिहासिक बयान होगा जिसमें जी-7 देश और ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वालेंस व मेलिंडा प्रेंच गेट्स टीके, उपचार और निदान के विकास में लगने वाला समय कम करने के लिए 100 दिनी मिशन पेश करेंगे।

इसका मकसद भविष्य में किसी भी महामारी को दूर करने के लिए 100 दिन के भीतर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मुहैया कराना है। इस दौरान दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन में बाइडन बंधुआ मजदूरी को लेकर सभी यूरोपीय सहयोगियों द्वारा चीन के खिलाफ एक स्वर में आवाज उठाने की अपील करेंगे। हालांकि कुछ देश चीन से रिश्ते बिगाड़ने के पक्ष में नहीं हैं, इसलिए रविवार के बाद ही इस पर प्रतिक्रिया मिलेगी।

ब्रिटेन व यूरोपीय देश भी चीन के विरोध में

ब्रिटेन चाहता है कि दुनिया के लोकतंत्र आर्थिक दिग्गज चीन पर कम निर्भर रहें। ब्रिटिश सरकार का कहना है कि अब यह चर्चा इस बात पर होगी कि हम अपने मूल्यों के समर्थन में अपने लोगों के लिए वैश्विक प्रणाली को कैसे आकार दे सकते हैं। उधर, यूरोपीय देश तकनीकी सुरक्षा को लेकर चीन पर अधिक से अधिक जांच के पक्ष में हैं। मार्च में यूरोपीय संघ शिनजियांग में मानवाधिकार हनन में शामिल चार चीनी अधिकारियों पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। ऐसे में बाइडन की अपील को जी-7 देश प्रमुखता दे सकते हैं। हालांकि तत्काल बीजिंग के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम उठाने की उम्मीद नहीं है।

बाइडन के कर ढांचा प्रस्ताव पर जी-7 के देश राजी

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भले ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को दिग्गज अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर टैक्स बढ़ाने के लिए राजी कर लिया हो लेकिन उनके लिए अमेरिकी संसद को इसके लिए राजी करना बड़ी चुनौती होगी। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि जी-7 के नेता बड़ी कंपनियों पर 15 प्रतिशत वैश्विक कर लगाने के बाइडन के प्रस्ताव से सहमत हैं। इससे पहले वित्त मंत्रियों ने भी इस महीने की शुरुआत में न्यूनतम वैश्विक कर का समर्थन किया, जो जी-7 सम्मेलन में एक आधार बना है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में नई जान आने की उम्मीद

बाइडन ने कहा है कि हम अपने वैश्विक साझेदारों के साथ मिलकर दुनिया को इस महामारी से बाहर निकालने में मदद करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, इस काम में हम न सिर्फ पूरी दुनिया को टीका मुहैया कराने जा रहे हैं बल्कि भविष्य में महामारी के बाद उसका शीघ्र उपचार खोजने की योजना पर भी काम करने जा रहे हैं। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी नई जान आने की उम्मीद जी-7 के देशों ने जताई है।