ब्रिटेन में हो रहे दुनिया के सात सबसे अमीर देशों (जी 7) के शिखर सम्मेल स्थल के नजदीक से पुलिस ने दो वाहनों में सवार सात लोगों को आपत्तिजनक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया है। ये लोग कलर पेंट, स्मोक ग्रेनेड और लाउडस्पीकर लेकर शिखर सम्मेलन स्थल की ओर जा रहे थे। पकड़े गए लोगों में चार पुरुष और तीन महिलाएं हैं। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है लेकिन माना जा रहा है कि ये किसी संगठन से जुड़े हुए हैं और सम्मेलन स्थल के करीब हंगामा करने के लिए जा रहे थे। सम्मेलन स्थल से कुछ दूरी पर सेंट ईव्स में पर्यावरण सुधार की मांग को लेकर 500 से ज्यादा लोगों ने प्रदर्शन किया। उनकी मांग अमीर देशों के नेताओं से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कारणों को अतिशीघ्र खत्म किए जाने की थी।
उधर, जी7 से कोरोना प्रभावित गरीब देशों के लिए राहत भरा संदेश आया है। इन देशों ने दुनिया को वैक्सीन की एक अरब खुराक दान स्वरूप देने के संकेत दिए हैं, समूह की ओर से औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। इसमें शामिल 50 करोड़ खुराक देने की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को घोषणा की थी। दस करोड़ खुराक ब्रिटेन देगा। वैक्सीन के दान की घोषणा तब हुई जब मंच पर जी 7 के नेता औपचारिक फोटो खिंचवाने के लिए खड़े हुए थे। उसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति राष्ट्रपति बाइडन ने 50 करोड़ वैक्सीन खुराक और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दस करोड़ खुराक देने की घोषणा की। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तीन करोड़ खुराक देने की घोषणा की। जापान, जर्मनी, इटली और कनाडा भी वैक्सीन दान देंगे। अमेरिका इस महीने के अंत तक आठ करोड़ खुराक उपहार स्वरूप देने की घोषणा पहले ही कर चुका है। इस घोषणा से भारत भी लाभान्वित होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा वाली 50 करोड़ फाइजर वैक्सीन खुराकों में से 20 करोड़ इसी साल 100 देशों को भेजी जाएंगी, जबकि बाकी की 30 करोड़ अगले साल 2022 के मध्य तक दी जाएंगी। ये सभी वैक्सीन खुराक विश्व स्वास्थ्य संगठन की अगुआई में बने कोवैक्स अलायंस के जरिये दी जाएंगी। मानवीय सहायता से जुड़े संगठनों ने जी 7 के तीन देशों की घोषणाओं का स्वागत किया है। लेकिन यह भी कहा है कि उन्हें इससे ज्यादा मदद की उम्मीद थी। गरीब देशों को इससे ज्यादा मदद की जरूरत है। यूनिसेफ के कोविड-19 वैक्सीन एडवोकेसी ग्रुप की प्रमुख लिली कैप्रानी के अनुसार गरीब देशों स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा ध्वस्त प्राय: है। ऐसे में कोविड से बचाव के लिए उन्हें और ज्यादा मदद की जरूरत है।