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जिस रास्ते श्री राम गए थे बनवास, उसी रास्ते अयोध्या से चित्रकूट तक 210 KM लंबा बनेगा राम पथ

उत्तरप्रदेश(Uttar Pradesh) में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM yogi Adityanath) भगवान श्री राम वन गमन मार्ग बनाने की योजना में है। इसका ड्राफ्ट भी तैयार है। राम वन गमन बनवाने के लिए योगी आदित्यनाथ प्रण ले चुके हैं। दरअसल जिन मार्गों से होकर प्रभु श्रीराम 14 वर्ष के लिए वनवास गए थे। उन मार्गों के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया है। लोक निर्माण विभाग कि तरफ से इस ड्राफ्ट के उपर काफी लंबे समय से काम चल रहा था। मीडिया द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि 1 जुलाई यानी आज ही के दिन इसको लेकर विभाग अपने मंत्री को प्रेजेंटेशन पेश करेंगे। इस मार्ग का रोडमैप अयोध्या से चित्रकूट तक बनने वाले रास्ते को ही वनगमन मार्ग कहा जायेगा।

3 चरणों में पूरा होगा निर्माण

उत्तरप्रदेश राज्य में (Ayodhya) से चित्रकूट(Chitrkoot) तक के वन गमन मार्ग का निर्माण 3 चरणों में होगा। जाहिर सी बात है कि अगर वन गमन मार्ग का निर्माण होगा तो आसपास के इलाकों का भी विकास होगा। इस रास्तों को शहर से जोड़ा जाएगा। साथ ही इन इलाकों पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विकास के साथ ही साथ क्षेत्र की आर्थिक तस्वीरें भी बदलेंगी।

यूपी के उपमुख्यमंत्री ने दी जानकारी

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य(Keshav Prasad Maurya) ने इस बारे में मंगलवार को जानकारी दी। मौर्य ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के द्वारा इस डेवलपमेंट का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण, एलाइनमेंट और अन्य प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। यह वनगमन मार्ग मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन दर्शन से जुड़ा हुआ है। इन रास्तों पर निर्माण कार्य करके इन क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।

लोगों में भक्ति भावना का होगा निर्माण

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य(Keshav Prasad Maurya) ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। डिप्टी सीएम ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के द्वारा डेवलपमेंट का पूरा खाका तैयार है। बहुत ही जल्द भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ इनलाइटनमेंट और अन्य दूसरी प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जाएगा। यह वन गमन मार्ग मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जीवन और दर्शन से संबंधित होगा। इन मार्गों पर कई तरह के निर्माण कार्य किए जाएंगे। जिसे देखकर अध्यात्म और धार्मिकता झलकेंगी। इन क्षेत्रों का विकास बहुत ही जल्द शुरू होगा इससे आसपास के लोगों में रोजगार(Employment) के साथ-साथ भक्ति भावना भी जगेगी।