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जिनका मन मचलता था, उन्होंने ही हिजाब डालने के लिए मजबूर किया- अनिल विज

कर्नाटक के हिजाब विवाद की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी. वहीं, इस पूरे विवाद पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है कि पुरुष अपना मन मजबूत करें और महिलाओं को हिजाब से मुक्ति दें. उन्होंने ट्वीट किया, ‘जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था, उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया . आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी, परंतु सजा महिलाओं को दी गई. उनको सिर से लेकर पांव तक डाक दिया. यह सरासर नाइंसाफी है . पुरुष अपना मन मजबूत करें और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें.’

इससे पहले अनिल विज ने कहा था कि हेडस्कार्फ (हिजाब) का कोई विरोध नहीं है. लेकिन विद्यालयों और कॉलेजों में पोशाक संबंधी नियमों का पालन जरूर किया जाना चाहिए. विज ने कहा था कि यदि कोई छात्रा हिजाब पहनना चाहती है, तो उसपर मुझे कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन वे स्कूल और कॉलेज जाना चाहती है तो उन्हें उन संस्थानों के पोशाक नियमों का पालन करना चाहिए. अनिल विज ने कहा था कि यदि पोशाक नियमों का कोई पालन नहीं करता है तो वह घर में रहे, कोई दिक्कत नहीं है.

बड़ी बेंच में होगी मामले की सुनवाई

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह 10.30 बजे सुनवाई के दौरान कहा कि यह मामला अब बड़ी बेंच के पास है और वहीं इसकी सुनवाई होगी. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने इस मामले में अलग-अलग राय रखी. मामले में कोर्ट ने हिजाब समर्थक याचिकाकर्ताओं के अलावा कर्नाटक सरकार और कॉलेज शिक्षकों की भी दलीलें सुनीं थीं. सुप्रीम कोर्ट में अब तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.