वैज्ञानिकों ने प्राणियों में वृद्धि के एक नए नियम (law) का पता लगाया है जो जानवरों (Animals) और पेड़-पौधों (Plants) के अंगों के हिस्सों को नुकीले और तीखे आकार की जैविक संरचना (Biological Structure) का विकास और निर्माण करता है. इसमें दांत, सींग, नुकीले पंजे, चोंच और कांटे तक शामिल हैं. शोधकर्ताओं ने यहा तक पाया है कि यह नियम हर तरह के जीवन में यानि व्यापक रूप से मिलता है.
आकार संबंधी खास गणितीय नियम
अभी तक नहीं खोजे जा सके प्रकृति के इस नियम को शोधकर्ताओं ने ‘पॉवर कास्केड’ नाम दिया है जो के गणितीय घात नियम है. उनका कहना है कि यह नियम प्रकृति में हर जगह पाया जाता है और पॉवर शंकु (Power Cone) कहलाने वाले आकार के एक परिवार की वृद्धि और विकास को निर्धारित करता है.
बहुत पहले से कायम है यह नियम
ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी के इवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट एलिस्टेयर इवान्स का कहना है कि जगह जगह जानवरों और यहां तक के पेड़ पौधों तक में यह नियम काम करता दिखाई देता है. शोधकर्ता यह देख कर हैरान हो गए कि यह जीवन में हर जगह करोड़ों सालों से मौजूद था. यहां तक कि विलुप्त प्रजातियों में भी. इस अध्ययन के नतीजे बीएमसी बायोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं.
पहले भी खोजे जा चुके हैं गणितिय स्वरूप
इवान्स और उनकी टीम का काम आकृतिक विकास और उनके शारिरिक हिस्सों के क्रियाओं पर केंद्रित था कभी वे किसी जीव के खास विशेषताओं पर अध्ययन करते तो कभी बहुत से जीवों में पाए जाने वाले एक से स्वरूपों का. सैकड़ों साल पहले अंग्रेजी वास्तुकार सर क्रिस्टोफर रेन ने सुझाया था कि घोंघा के खोल लॉगेरिदमिक सर्पिल की गणित द्वारा निर्धारित होते हैं, जहां एक तरफ की सरंचरना दूसरे के मुकाबले तेजी से विकसित होती है.
कब पनपता है यह आकार
सदियों के बाद इवान्स को भी इसी तरह का आभास हुआ, लेकिन वे रेन से आगे सोच रहे थे. उन्होंने पॉवर कोन जैसे नए आकार पर विचार किया. यह आकार वृद्धि दर में असमान विकास के कारण बनता है. गणितीय भाषा में कहें तो तब पैदा होता है जब रेडियल पॉवर ग्रोथरेट लेंथ पॉवर ग्रोथरेट के बराबर नहीं होती है.
सैंकड़ों दांतों के आकार का अध्ययन
इवन ने द कन्वर्सेशन्स को बताया कि वे सालों से ऐसे स्वरूप की खोज में थे जो यह बता सके कि दांत कैसे बढ़ते हैं. और सैंकड़ों दांतों के मापों के अध्ययन के बाद उनकी टीम ने दांतों के आकार का गणितीय सूत्र निकाल लिया. पॉवर कास्केड का यह सूत्र केवल प्राकृतिक दांतों, सींगों, कांटों में ही नहीं पाया गया, बल्कि पॉवर कास्केड मॉडल इन संरचनाओं की वृद्धि को सिम्यूलेट भी कर सकता है.
क्या फायदा है इस खोज का
इस खोज का मतलब है कि हम अब जानवरों की केवल दांतों के आकार को जानकर उनकी उम्र का पता लगा सकते हैं क्योंकि उनके आकार से हमें पता चल जाएगा कि उन्हें विकसित होने में कितना समय लगा था. शोधकर्ताओं का मानना है कि इससे हम भविष्य में उद्भव प्रक्रियाओं की जानकारी भी पता लगा सकते हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि नुकीली संरचनाओं के के आकार के मामले में इन्हें पारिवार का मूल आकार भी माना जा सकता है जिसका मतलब है कि ये आकार कई बार स्वतंत्र रूप से विकसित हो सकते हैं. यहां तक कि कई अलग अलग प्रजातियों में भी एक से आकार समान दिख सकते हैं. अपनी विविधता के कारण ऐसा लगता है कि पॉवर कास्केड सभी प्राणियों में जैसे वृद्धि का मूल स्वरूप है.