जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में दंगे के बाद पैदा हुए तनाव को दूर करने और इलाके में शांति स्थापित करने के लिए आज तिरंगा यात्रा (tiranga yaatra) निकालने के लिए शांति समिति ने तैयारी पूरी कर ली है। समिति ने पुलिस से मिलकर यात्रा का रूट और लोगों की संख्या तय की। करीब एक किलोमीटर की दूरी में निकलने वाली इस यात्रा में दो समुदाय के करीब 50 लोग शामिल होंगे।
शांति समिति के प्रमुख इंद्रमणी तिवारी ने बताया कि इलाके में शांतिपूर्ण ढंग से यात्रा निकाली जाएगी। इसमें शामिल होने वाले सभी लोगों के हाथों में तिरंगा होगा। यात्रा कुशल चौक से शुरू होगी और आजाद चौक पर समापन होगा। यहां बी और सी ब्लाक से होते हुए वहां पहुंचेगी। यात्रा के साथ पुलिस अधिकारी एवं पुलिसकर्मी भी चलेंगे। इसके अलावा यात्रा में समिति की ओर से प्रस्तावित लोग ही शामिल होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई की यात्रा के बाद इलाके में हालात सामान्य हो जाएंगे। पुलिस की ओर से मस्जिद वाले कुशल रोड को भी खोलने की संभावना है।
ढील के बाद छंटने लगे तनाव के बादल
दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में सुरक्षा व्यवस्था के मामले में शनिवार से ढील देनी शुरू कर दी है। तनाव के बादल छंटने लगे तो जिंदगी भी पटरी पर लौटनी शुरू हो गई। कुशल रोड के अलावा अन्य सभी सड़कों पर लोगों का आवागमन शुरू हो गया है। इलाके में दुकानें खुली और रेहड़ी भी लगी। हालांकि, पुलिस ने यहां आने वाले लोगों पर नजर बनाए रखी।
पुलिस ने जी ब्लाक होते हुए कुशल चौक की ओर आने वाली सड़क पर सभी अवरोधक हटा दिए। यहां से गुजरने वालों से पूछताछ भी नहीं की गई। वाहनों का आवागमन भी शुरू हो गया है। वहीं, बाबू जगजीवन अस्पताल से सी ब्लाक होते हुए कुशल चौक की ओर आने वाली सड़क पर भी अवरोधक हटा दिए गए हैं। इसके अलावा सी ब्लाक मार्केट में भी अधिकांश दुकानें खुल गई और जगह-जगह रेहड़ी भी लगी दिखाई दी। हालांकि, सामान खरीदने के लिए घरों से बहुत कम लोग निकले। इस कारण दुकानदार व रेहड़ी वाले दिनभर ग्राहकों का इंतजार करते रहे।
दूसरी ओर जी ब्लाक में रेहड़ी वाले फेरी लगाकर सामान बेचते नजर आए। इन रेहड़ियों से काफी संख्या में स्थानीय निवासियों ने सब्जी और फल खरीदे। सी ब्लाक की गलियों में घरों में रेहड़ी पर पानी देने वालों के साथ-साथ सामान बेचने वाली भी दिखाई दिए। इस तरह इलाके में शनिवार को कुछ हद तक स्थिति सामान्य सी दिखाई दी। यहां सोमवार से पहले की तरह स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है।
कुशल चौक समेत कई सड़कों से कम हुई पुलिस
कुशल चौक और उससे जुड़ी सड़कों पर गत दिनों की तुलना में शनिवार को पुलिस बल कम कर दिया। इसके अलावा यहां कई दिन से दिनभर डेरा डाले रहने वाले दिल्ली पुलिस के उच्चाधिकारी भी नदारद रहे। पुलिस ने कुशल चौक से सी ब्लाक की सड़क भी आम लोगों के लिए खोल दी, लेकिन इस सड़क पर वाहनों के आवागमन की इजाजत नहीं दी गई है।
कुशल चौक को छोड़कर सड़कों पर पुलिसकर्मी आराम फरमाते दिखाई दिए। वह इधर-उधर बैठकर स्थिति पर नजर बनाए रहे। कुशल चौक पर पुलिसकर्मी काफी मुस्तैद दिखाई दिए। यहां कुशल रोड पूरी तरह सील रखा गया। पुलिस किसी भी व्यक्ति को इस रोड पर जाने नहीं दे रही थी। उधर, कुशल चौक पर पुलिस अधिकारी भी काफी कम दिखे। विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक, जिला पुलिस उपायुक्त एवं अन्य पुलिस अधिकारी शनिवार को दिखाई नहीं दिए। दोपहर बाद कुछ पुलिस अधिकारी आए। वह कुशल चौक का मुआयना करने के बाद पुलिसकर्मियों को दिशा-निर्देश देकर टेंट में बैठ गए।
अभी भी मीडिया के प्रवेश पर रोक
जहांगीरपुरी स्थित सी ब्लॉक में पुलिस ने मीडियाकर्मियों को जाने की इजाजत नहीं दी है। शनिवार को आम लोगों के लिए सी ब्लाक का रास्ता खोल दिया है, लेकिन इस रास्ते से मीडियाकर्मियों को नहीं जाने दिया जा रहा है। इस कारण पुलिस को चकमा देकर मीडियाकर्मी करीब एक किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर सी ब्लाक में पहुंचे। कुशल चौक से सी ब्लाक की ओर से आम लोगों का आवागमन देखकर मीडियाकर्मियों ने भी इस रास्ते का उपयोग करना चाहा, लेकिन यहां लगे अवरोधकों पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया।
मुस्लिम संगठन के पदाधिकारियों को रोका
जहांगीरपुरी में दंगा पीड़ितों और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की चपेट में आए लोगों से मिलने के लिए शनिवार को आल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के पदाधिकारी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पीड़ितों से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन पुलिस ने उन्हें पीड़ितों के इलाके में नहीं जाने दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों व उनके बीच काफी देर तक बातचीत हुई।
आल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के पदाधिकारी नवेद हामिद एवं उनके चार अन्य सदस्य शनिवार दोपहर एक बजे जहांगीरपुरी स्थित कुशल चौक पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पीड़ितों से मिलवाने का आग्रह किया, लेकिन पुलिस ने उनकी मुलाकात कराने से मना कर दिया। पुलिस ने कहा कि वह कुशल चौक से आगे नहीं जा सकते हैं।
इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ बहस करते हुए कहा कि उनको जानबूझकर पीड़ितों से नहीं मिलने दिया जा रहा है, जबकि इलाके में हालात सामान्य हैं। इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों ने चौक पर सी ब्लाक के दोनों ओर सुरक्षा कर्मियों की संख्या में इजाफा कर दिया। संगठन के पदाधिकारियों ने पुलिस का रुख भांपते हुए पीड़ितों से मिले बिना ही लौटने का निर्णय लिया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस पीड़ितों की सुध नहीं लेने दे रही है। पीड़ित कई समस्याओं से परेशान हैं और उन्हें मदद नहीं पहुंच रही है। इलाके में अतिक्रमण हटाने के नाम पर लोगों को उजाड़ने का कार्य किया है।
आतिशी बोलीं- अवैध वसूली के लिए मंदिर को तोड़ने का आदेश
आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र की भाजपा सरकार पर श्रीनिवासपुरी स्थिति नीलकंठ मंदिर को तोड़ने का आदेश मढ़ा है। कहा है कि पार्टी किसी भी सूरत में मंदिर पर बुलडोजर नहीं चलने देगी। इसे लेकर आप विधायक आतिशी व मदनलाल विरोध-प्रदर्शन में भी शरीक हुए। आतिशी ने कहा है कि भाजपा ने अवैध वसूली के लिए श्रीनिवासपुरी में भगवान नीलकंठ के मंदिर पर नोटिस चिपकाया है।
भाजपा बुलडोजर राजनीति के माध्यम से पूरी दिल्ली में घर और दुकानों से उगाही कर रही है। श्रीनिवासपुरी के मंदिर को बचाने के लिए लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी ने मन बना लिया है कि इस मंदिर पर बुलडोजर नहीं चलने देंगे। भाजपा को लोगों की आस्था की कोई चिंता नहीं है, उसे सिर्फ उगाही करनी है। विधायक मदनलाल ने कहा कि श्रीनिवास पुरी में पुराना नीलकंठ मंदिर है। यहां के लोगों को अचानक एक नोटिस देखकर सदमा पहुंचा है। नोटिस देखने के बाद लोगों ने मन बना लिया है कि अब उस मंदिर को किसी भी हाल में नहीं टूटने देंगे।
खुराना बोले- ये सब अफवाह है
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि अफवाह का नेतृत्व करने आतिशी पहुंची थी। मंदिर तोड़ने की कोई बात नहीं है। केंद्र सरकार कोई मंदिर तोड़ने नहीं जा रही है।
विहिप का प्रतिनिधिमंडल जहांगीरपुरी पहुंचा
जहांगीरपुरी में शनिवार को भी दिल्ली प्रदेश विश्व हिंदू परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल गया। इस प्रतिनिधिमंडल में कई साधु संत भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने दंगे के मामले में गिरफ्तार किए गए एक हिंदू के परिजनों से यहां स्थित गुरुद्वारा में मुलाकात की। इसके बाद वे कुशल चौक पहुंचे।प्रतिनिधिमंडल ने गिरफ्तार किए गए हिंदू के परिजनों से पूरे हालात के संबंध में बातचीत की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी सदस्यों ने उनकी हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। इसके बाद साधु संत कुशल चौक आए। वहां पुलिस अधिकारियों से बातचीत की और हिंदू समुदाय के बेकसूर लोगों को गिरफ्तार करने का विरोध किया। प्रतिनिधिमंडल में संत राजेश्वरानंद, कंचनगिरी, सतीश दास, भोला गिरी, धीरेंद्र पुरी, दयालु महाराज आदि शामिल थे।
अपने गुजारे के लिए संघर्ष कर रहे हैं लोग
टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार का कहना है कि जहांगीरपुरी के लोग अपने गुजारे के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हिंसा के बाद से अब तक यहां के लोगों में काफी डर है। घर से बाहर निकलना तो दूर, अंदर रहकर भी इन्हें चैन से नींद नहीं आ रही है। वह अपने गुजारे के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सी ब्लॉक के लोग हिंसा के बाद से ही पिंजरे में कैद हैं। उन्हें बाहर आने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
बीते शुक्रवार को अखिल महिला तथ्य-खोज टीम के साथ पहुंचीं सांसद घोष के मुताबिक, टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि लोग खतरे में हैं और डर में जी रहे हैं। उन्होंने पीने के पानी तक की आपूर्ति सीमित होने की शिकायत की। टीएमसी टीम प्रतिबंधों के बावजूद जहांगीरपुरी में प्रवेश करने में सफल रही और पुलिस द्वारा रोकने से पहले कई निवासियों से बात की। आरोप लगाया कि सी-ब्लॉक के निवासियों को बंदी बना लिया गया है।
वे बाहर नहीं आ सके और हमसे बात करने की भी अनुमति नहीं दी गई। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल जहांगीरपुरी में लगभग 200 लोगों से बात करने में कामयाब रहा। 24 अप्रैल को वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। उसके बाद पार्टी फैसला लेगी। हम जहांगीरपुरी के लोगों की मदद के लिए तैयार हैं।