भारत को जल्द दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे मिलने वाला है. नया गंगा एक्सप्रेस-वे 594 किलोमीटर लंबा होगा. जो उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से को राज्य के पूर्वी हिस्से से जोड़ेगा. नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण इस साल सितंबर में शुरू होगा. इसको लेकर यूपी राज्य सरकार ने घोषणा की है कि एक्सप्रेसवे के लिए 83 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है. वाहनों को केवल विशिष्ट टोल प्लाजा के माध्यम से एक्सप्रेसवे में प्रवेश करने या बाहर निकलने की अनुमति होगी. साथ ही यहां दो मुख्य टोल प्लाजा होंगे, जो मेरठ और प्रयागराज में बनेंगे.
गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ी जरूरी बातें-
गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर मेरठ में एनएच 334 से शुरू होकर प्रयागराज तक बनने का प्रस्ताव दिया गया है. इस परियोजना से लाभान्वित होने वाले जिले हैं मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज. वहीं इस एक्सप्रेस-वे से करीब 519 गांव जुड़ेंगे. एक्सप्रेसवे की मदद से दिल्ली और प्रयागराज के बीच यात्रा के समय को मौजूदा 10-11 घंटे से घटाकर सिर्फ 6-7 घंटे करने की उम्मीद है. वहीं शीर्ष रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे निर्धारित की गई है जो भारत में उच्चतम गति मानी जाती है.
ये एक्सप्रेसवे 06 लेन का बनेगा और सभी संरचनाओं का निर्माण 08 लेन की चौड़ाई में किया जाएगा. एक्सप्रेसवे के राईट ऑफ वे की चौड़ाई 120 मीटर प्रस्तावित की गई है. एक्सप्रेस-वे के एक किनारे पर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा, जिससे परियोजना क्षेत्र के आसपास के गांवों के निवासियों को सुगम परिवहन मिल सके. एक्सप्रेस-वे पर एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी जिससे भारतीय वायु सेना के विमान आपात स्थिति में उतर सकेंगे. हवाई पट्टी का निर्माण सुल्तानपुर जिले में किया जाएगा. इस परियोजना की लागत 36,000 करोड़ रुपए से ज्यादा होने की उम्मीद है और अगले 26 महीनों में इसके पूरा होने का अनुमान है.