मौजूदा समय में भारत और चीन के बीच हालात कैसे हैं। यह तथ्य तो फिलहाल किसी से छुपा नहीं है। तनाव का माहौल है। वार्ता का सिलसिला भी जारी है। मगर इस बीच कुछ कारक ऐसे भी है, जो लगातार दोनों ही देशों के बीच जारी तनाव को कम करने में जुटे हैं। वहीं, हालिया स्थिति को मद्देनजर रखते हुए अनवरत यह सवाल किए जा रहे हैं कि क्या दोनों ही देशों के बीच युद्ध सरीखे हालात बने हुए हैं। इन कयासों और सवालों पर आज एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने दिल्ली में आयोजित ‘इंडियन एयरोस्पेस इंडस्ट्री: नई परिदृश्य में चुनौतियां’ को संबोधित करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी हालात को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर न तो युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है और न ही शांति जैसी स्थिति, लेकिन हां… यह बात तो साफ है कि हमारी सेना हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। भदौरिया ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उत्तरी हिस्से पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर दोनों ही मुल्कों के बीच विषम हालात पैदा होते हैं तो सबसे पहले भारतीय वायुसेना दुश्मन देश के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में रफाल, चिनूक, अपाचे और सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट शामिल है, जिससे हमारी मारक क्षमता मजबूत हुई है।
इसके साथ ही उन्होंने दो स्कॉवड्रन और सुखोई लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस और दूसरे घातक हथियारों का भी जिक्र किया है। रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी-2020) में रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र सेनाओं के लिए हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट्स और युद्धपोत को ‘लीज’ पर लेने की अनुमति ले ली है। इससे भी काफी हद तक दुश्मन देशों के खिलाफ भारत की मारक क्षमता में क्रांतिकारी इजाफा देखने को मिला है। उधर, इस लीज के तहच इन हथियारों के खरीदने के बजाय दूसरे देशों से लिया जा सकता है।