जम्मू में पहली बार अग्निवीर योजना के तहत भर्ती रैली शुरू हो गई है। शहर के सुंजवां आर्मी स्टेशन में भर्ती रैली हो रही है। शुक्रवार को पहले दिन सांबा जिले के युवाओं ने अपना दम दिखाया। रैली 22 अक्तूबर तक जारी रहेगी। इसमें जम्मू संभाग के दस जिलों से उम्मीदवार भाग ले रहे हैं।
भर्ती में भाग लेने आए रोहित सिंह ने बताया कि अच्छी तैयारी करने वालों का चयन किया गया है। वह देश की सेवा करना चाहते हैं। इसलिए सेना में जाना चाहते हैं, जब तक अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेते वह हार नहीं मानेंगे। वहीं, एक अन्य युवक ने बताया कि देश सेवा करने के लिए वह सेना में जाना चाहता है। युवक ने बताया कि उसका बचपन से सपना है कि सेना की वर्दी पहने।
आयोजन स्थल के बाहर बड़ी संख्या में युवा उम्मीदवारों का जमवाड़ा लगा रहा। रात 12 बजे के बाद युवाओं को प्रवेश दिया गया। कड़ी सुरक्षा में हुई भर्ती रैली को सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन का भी सहयोग लिया गया। सुंजवां मिलिट्री स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वारा पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
जम्मू में पहली बार अग्निपथ योजना के तहत सेना में अग्निवीर की भर्ती होने जा रही है। जम्मू संभाग के जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, पुंछ, राजोरी, रियासी, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिले के उम्मीदवार भर्ती रैली में भाग लेंगे। गुरुवार को सेना की टाइगर डिवीजन के अधिकारियों ने जोरावर स्टेडियम का दौरा कर आयोजन स्थल का निरीक्षण किया था।
क्या है अग्निवीर योजना
भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया को बदल कर अग्निवीर योजना लागू की गई है। इस नई योजना के जरिए युवाओं को 4 साल की अवधि के लिए सशस्त्र सेनाओं में कमीशन पर भर्ती किया जाएगा। अग्निवीर स्कीम के नियमों के मुताबिक अब सेना में जितने जवानों की भर्ती होगी, उनमें से 75 प्रतिशत जवान चार साल की नौकरी के बाद रिटायर हो जाएंगे। वहीं 25 प्रतिशत जवानों को आगे के लिए स्थायी कमीशन दिया जाएगा। 4 वर्ष का टेन्योर पूरा करने के बाद सेना से बाहर निकलने वाले अभ्यर्थी अन्य सामान्य नौकरियां कर सकेंगे।
कोरोना महामारी के आने के बाद से सेना में जवानों की कोई नई बहाली नहीं आयोजित हुई है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना महामारी शुरू होने से पहले वर्ष 2019-20 में सेना में 80 हजार से ज्यादा जवानों की भर्ती हुई थी। लेकिन उसके बाद से जवानों की भर्ती पूरी तरह बंद है। वहीं कुछ समय पहले संसद में रक्षा मंत्रालय द्वारा इस संबंध में दिए गए जवाब के मुताबिक सेना में एक जनवरी 2022 तक जवानों के 81 हजार पद रिक्त थे। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिक्तियों की संख्या में और भी वृद्धि हुई है और रिक्त पदों की संख्या एक लाख से भी अधिक हो गई है।