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जब इस ऑटो रिक्शा चालक की बेटी के सिर पर सजा ताज, तो छलक गये आंसू

संघर्ष की कहानी हमेशा रूहानी होती है और इसका परिणम भी बेहद सुखद होता है। वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया 2020 के विजेताओं के नाम की घोषणा हो चुकी है। तेलंगाना की मानसा वाराणसी ने वीएलसीसी मिस इंडिया 2020 का खिताब अपने नाम किया। यहां फस्र्ट रनरअप रहीं यूपी की मान्या सिंह जिनकी सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। मान्या सिंह के सोशल मीडिया पर वायरल होने की वजह उनकी असली जिंदगी का संघर्ष है। मान्या ने कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर अपने संघर्ष की कहानी साझा की थी। मान्या सिंह उत्तर प्रदेश के एक आॅटो रिक्शा चालक की बेटी हैं। उनके पिता गरीब आॅटो रिक्शा चालक हैं। ऑटो रिक्शा चालक की बेटी होने के बाद भी उन्होंने अपने हौसले और कला को बनाये रखा। मान्या के लिए वीएलसीसीस मिस इंडिया का खिताब जीतना खास मायने रखता है। यह खिताब और जीत कई रातों और कई वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद प्राप्त हुई है। मान्या ने सफलता की राह पर चल रहे संघर्षों के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट दिस इज माय स्टोरी के जरिए अपनी बात सभी के सामने रखी थी। दिस इज माय स्टोरी को सोशल मीडमीडिया पर काफी देखा गया। ऑटो रिक्शा चालक की बेटी मान्या संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताती हैं कि उनके माता-पिता की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी।

परीक्षा की फीस का भुगतान करने के लिए जो छोटे-मोटे गहने थे वो भी मां ने गिरवी रख दिए थे। हमारे माता-पिता ने शिक्षा को काफी महत्व दिया। कुशीनगर में पैदा हुईं मान्या ने बताया कि वो बेहद कठिन परिस्थितियों में पली-बढ़ीं। अभाव की जिन्दगी हमेशा निराशा पैदा करती है लेकिन उसी के बीच जीवन की राह खोजना है। मान्या ने बताया कि जीवन में ऐसे दिन भी आये थे कि बिना भोजन के कई रातें बितानी पड़ीं। जब अपने पास पैसे नहीं होते थे तो केवल कुछ रुपए बचाने के लिए मीलों तक पैदल चलना पड़ता था।

मान्या ने बताया कि एक ऑटो ड्राइवर की बेटी होने के कारण पैसों की तंगी रहती थी। हमारा परिवार किताबों का खर्च उठाने में सक्षम नहीं था। कभी-कभी किताबें नहीं होने की स्थिति में उन्हें स्कूल के दिनों में भी उपेक्षित रखा गया था। साथियों की किताबों से सहयोग मिलता था। मान्या सिंह ने बताया कि उनकी मां कहती थीं कि औकात से बाहर सपने नहीं देखने चाहिए लेकिन मैंने उनसे जो कहा था उसे पूरा कर दिखाया। मान्या ने कहा कि सपने देखिए लेकिन उसको पूरा करने के लिए धैर्य, समर्पण भी चाहिए। धैर्य, समर्पण है तो सपने पूरे होंगे।