दिल्ली के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को नए संसद भवन की ओर कूच करने से पहले ही रविवार को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद पुलिस ने धरनास्थल से पहलवानों (wrestlers) के तिरपाल लगे टेंट, गद्दे, कूलर और अन्य सामान हटाकर धरना स्थल खाली करा दिया। वहीं, देर शाम धरनास्थल पर पहुंचने वाले अन्य प्रदर्शनकारियों को भी सुरक्षाबलों (security forces) ने हिरासत में ले लिया।
यौन शौषण (sexual abuse) के मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया (Vinesh Phogat, Sakshi Malik and Bajrang Punia) समेत करीब 109 दर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बस में बैठाया और अलग-अलग स्थानों पर ले गई। हालांकि, देर शाम महिला पहलवानों को पुलिस ने छोड़ दिया। पुलिस ने आयोजकों और समर्थकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।
बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश पर धक्का मुक्की : पहलवानों ने ऐलान किया था कि वे शांतिपूर्वक तरीके से सुबह 11:30 बजे नए संसद भवन के सामने महिला महापंचायत के लिए निकलेंगे। जंतर-मंतर पर जब विनेश फोगाट और उनकी बहन संगीता समेत अन्य पहलवानों ने बैरिकेड को पार करने की कोशिश की तो पुलिस से उनकी धक्का-मुक्की हुई। उधर, मामले में दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसान जुटे। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने सभा की और पहलवानों को रिहा करने की मांग की।