उत्तर प्रदेश सरकार मानदेय पर काम करने वाले सरकारी कार्मिकों का चुनाव से पहले मानदेय बढ़ा सकती है। अनुपूरक अनुदानों में इसके लिए बजट बढ़ाने का प्रस्ताव किया जा सकता है। किस संवर्ग के लिए कितनी-कितनी धनराशि की वृद्धि हो, इस पर विचार-विमर्श चल रहा है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री व कैबिनेट के स्तर से होना बाकी है।
प्रदेश में ग्राम प्रहरी, आंगनबाड़ी, रोजगार सेवक, प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी), आशा कार्यकर्ता, व रसोइयां आदि विभिन्न संवर्गों करीब 7.5 लाख कार्मिक मानदेय पर कार्य कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर संवर्गों के कार्मिक बढ़ती महंगाई व लंबे समय से मानदेय में वृद्धि न किए जाने का हवाला देकर मानदेय बढ़ाने की मांग करते रहे हैं। इनके मानदेय पर करीब 7,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च आ रहा है।
बता दे कि मानदेय पर काम करने वाले ज्यादातर कार्मिक ग्रामीण क्षेत्रों में काम करते हैं। स्थानीय स्तर पर इनकी हर घर तक पहुंच होती है। चुनावों में बीएलओ से लेकर चुनाव कराने तक में इनकी सक्रिय भूमिका रहती है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले मानदेय पर कार्य करने वाले इन कार्मिकों का मानदेय बढ़ाने का सबसे मुफीद समय है।
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में मानदेय पर कार्यरत कार्मिकों, उन पर आ रहे व्यय भार के साथ किस संवर्ग के मानदेय में कितनी-कितनी वृद्धि करने पर कितना-कितना खर्च आएगा, इसका अलग-अलग स्लैब के हिसाब से प्रस्ताव तैयार हो रहा है। प्रशासकीय विभागों व वित्त विभाग के बीच प्रस्तावों पर चर्चा अंतिम चरण में है। प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर निर्णय किया जाना बाकी है।
अंबेडकर स्मारक स्थल, राष्ट्र प्रेरणा स्थल, अनाथ बच्चों व निराश्रित महिलाओं के लिए भी बजट
राजधानी लखनऊ में बन रहे अंबेडकर स्मारक स्थल एवं संग्रहालय, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राष्ट्र प्रेरणा स्थल, कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, अन्य बीमारियों की वजह से अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना-सामान्य तथा निराश्रित विधवाओं के लिए प्रस्तावित योजनाओं के साथ मिशन शक्ति से जुड़ी योजनाओं के लिए अनुपूरक बजट में धनराशि की व्यवस्था की तैयारी है। सरकार के लिए गौ आश्रय स्थल अभी भी चुनौती का सबब बने हुए हैं। इनके लिए भी अनुपूरक में व्यवस्था हो सकती है।
अनुपूरक बजट 18 को पेश होना संभव
राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र 17 अगस्त से आहूत किया गया है। 20 अगस्त को वित्त वर्ष 2021-22 के पहले अनुपूरक अनुदानों के प्रस्तुतीकरण व 24 को चर्चा कर पारित कराने का कार्यक्रम तय किया गया है। मगर, 20 अगस्त को मोहर्रम पड़ने की वजह से अनुपूरक बजट पेश करने की तिथि में संशोधन की संभावना बढ़ गई है। हालांकि अभी यह निर्णय होना बाकी है कि 20 अगस्त को यदि मोहर्रम की वजह से सदन की बैठक टाली जाएगी तो फिर 19 को सदन की बैठक की जाए या नहीं। पहले 19 को मोहर्रम की वजह से बैठक नहीं थी। यदि 19 को सदन की बैठक तय की जाए तो 18, 19 या 23 अगस्त में से किसी भी दिन अनुपूरक बजट प्रस्ताव लाने का विकल्प बना रहेगा। पर, इस पर निर्णय कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 16 अगस्त को होने की उम्मीद है। हालांकि, वित्त विभाग 18 अगस्त को अनुपूरक अनुदान पेश किए जाने का अनुमान लगाते हुए अपनी तैयारी में जुटा है।