वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की चालबाजी से निपटने के लिए भारत ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी है। चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूर्वी लद्दाख के फारवर्ड एरिया में भारतीय सेना ने के-9 स्वचालित होवित्जर रेजिमेंट (K9 Vajra howitzer regiment) को तैनात किया है। यह तोप लगभग 50 किमी की दूरी पर मौजूद दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है।
के-9 वज्र तोपों की तैनाती पर सेना प्रमुख ने कहा कि ये तोपें ऊंचाई वाले इलाकों में भी काम कर सकती हैं। इसका फील्ड ट्रायल बेहद सफल रहा है। हमने अब एक पूरी रेजिमेंट तैनात कर दी है, जो वास्तव में बेहद मददगार साबित होगी।
भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध की स्थिति पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा है कि पिछले 6 महीनों में स्थिति काफी सामान्य रही है। हमें उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की वार्ता होगी और हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचेंगे कि डिसएंगेजमेंट कैसे होगा। सेना प्रमुख ने इस बात का भी जिक्र किया कि चीन ने हमारे पूर्वी कमान तक पूरे पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर काफी संख्या में तैनाती की है। निश्चित रूप से अग्रिम क्षेत्रों में उनकी तैनाती में वृद्धि हुई है जो हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
सेना प्रमुख ने कहा कि हम चीन की सभी गतिविधियों पर नियमित रूप से नजर रख रहे हैं। हमें मिली जानकारी के आधार पर हम बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सैनिकों के मामले में भी समान विकास कर रहे हैं, जो किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए आवश्यक हैं। फिलहाल, हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।