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चीन की US को दो टूक, कहा-ताइवान ने आजादी की घोषणा की तो युद्ध से नहीं हिचकेंगे

रक्षा पर यहां शुरू हुए ‘शंगरी-ला डायलॉग’से अलग हुई बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगे (Chinese Defense Minister Wei Feng) ने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन (American counterpart Lloyd Austin) से साफ कह दिया है कि ताइवान (Taiwan) ने आजादी की घोषणा की तो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) (People’s Liberation Army of China (PLA)) युद्ध शुरू करने से हिचकेगी नहीं।

उन्होंने कहा, चीन से ताइवान को अलग करने की कोई भी कोशिश करेगा तो चीन की सेना निश्चित तौर पर युद्ध शुरू करेगी। चाहे इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े। ऑस्टिन के पद पर आने के बाद उनकी चीनी रक्षा मंत्री के साथ यह पहली बैठक थी। चीन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, रक्षा मंत्री ने साफ बता दिया कि ताइवान के आजादी हासिल करने के प्रयास को हम कुचल देंगे। ऐसी किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा, जिसकी मंशा हमारी मातृभूमि के टुकड़े करने की हो। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा, ताइवान चीन ही है।

उसे चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया, बैठक के दौरान ऑस्टिन ने चीन के रक्षा मंत्री से ताइवान के खिलाफ आक्रामकता न दिखाने और उसे अस्थिर करने की कोशिश नहीं करने के लिए कहा था। लोकतांत्रिक ढंग से सरकार चुनने वाला ताइवान चीन की ओर से लगातार धमकियों का सामना कर रहा है। चीन अपना हिस्सा बताते हुए उस पर आक्रमण की धमकियां देता है।

दोनों सेनाओं के रुख भी अलग
इस मुद्दे पर अमेरिकी और चीन की सेना का रुख भी अलग है। अमेरिका का कहना है, चीन ताकत के बल पर ताइवान को हथियाना चाहता है, जबकि चीन का कहना है कि ताइवान को हथियार बेचकर अमेरिका उसे उकसा रहा है। बैठक के दौरान लॉयड ऑस्टिन ने अपने चीनी समकक्ष वेई फेंगे के सामने एक चीन की नीति के लिए प्रतिबद्धता जताई, लेकिन साथ ही चेतावनी दी, चीनी सेना आक्रामकता दिखाते हुए असुरक्षित व्यवहार कर रही है।

चीनी मंसूबों से निपटने को निकट आएं भारत-अमेरिका
कांग्रेस सदस्य जो विल्सन ने इस हफ्ते प्रतिनिधि सभा में चीन के घातक मंसूबों का मुकाबला करने के लिए भारत-अमेरिका के बीच मजबूत साझेदारी की पैरवी की है। उनका कहना है कि दोनों देशों को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी रणनीतिक साझेदारी को पूर्ण रूप से साकार करने के लिए आपस में ज्यादा निकट सहयोग करना चाहिए। क्षेत्र में चीन के दुर्भावनापूर्ण लक्ष्य हैं।

भारत-चीन सीमा को लेकर आग में घी डाल रहे अमेरिकी अधिकारी : बीजिंग
पूर्वी लद्दाख में चीनी गतिविधियों को लेकर अमेरिका के शीर्ष अधिकारी के बयान पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि भारत और चीन के पास बातचीत से सीमा मुद्दे को ठीक से हल करने की इच्छा और क्षमता है। चीन ने अमेरिका पर आग में घी डालने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भारत-चीन सीमा पर सैन्य गतिरोध स्थिर हो रहा है। अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने चीन के ढांचे पर चिंता जताई थी।