भारतीय वायुसेना की ताकत शीघ्र ही और बढ़ जाएगी। अप्रैल महीने में भारतीय वायु सेना को 10 और राफेल मिल जाएंगे। अप्रैल में कम से कम 10 राफेल जेट भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाले हैं। नए लड़ाकू विमान आने के बाद भारतीय वायुसेना में राफेल की संख्या 21 हो जाएगी। 11 राफेल भारत सेना के पास पहले ही पहुंच चुके हैं। जिसे अंबाला स्क्वॉड्रन में शामिल किया गया है। अगले दो से तीन दिनों के अंदर तीन राफेल विमान फ्रांस से सीधे उड़ान भरकर भारत पहुंचेंगे। इन विमानों में ईंधन हवा यात्रा के दौरान ही भरा जाएगा। इसके बाद अप्रैल महीने के दूसरे पखवाड़े में 7-8 और राफेल विमान और उनके ट्रेनर वर्जन भारत पहुंच जाएंगे। इन दोनों खेप के पहंुचने के साथ भारत की मारक क्षमता और निगरानी बढ़ जाएगी। राफेल विमान पहली बार गत वर्ष जुलाई-अगस्त में भारतीय वायुसेना में शामिल होने शुरू हुआ थे। इसके बाद इस विमान को चीन से सीमा गतिरोध के बीच उसकी हरकतों पर नजर रखने के लिए पूर्वी लद्दाख और अन्य इलाकों में गश्ती पर लगाया गया था।
फ्रांस से ये विमान सीधे अंबाला में लैंड करेंगे। कुछ समय अंबाला में गुजारने के बाद इनमें से कुछ विमानों को बंगाल के हाशिमारा एयरबेस भेज दिया जाएगा। हाशिमारा में दूसरी स्क्वॉड्रन बनाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है। हाशिमारा एयरफोर्स स्टेशन भूटान के करीब है। यह तिब्बत से सिर्फ 384 किलोमीटर दूर है। हाशिमारा एयरफोर्स चीन की पूरी निगरानी करेगा। भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सौदा किया था।
अप्रैल के आखिर तक 50 प्रतिशत से ज्यादा विमान भारत पहुंच चुके होंगे। भारत अब 114 मल्टीरोल एयरक्राफ्ट खरीदने का भी समझौता करेगा। अभी इन्हें भारतीय वायुसेना में शामिल होने में 15 से 20 साल लगेंगे। औपचारिक तौर पर सितंबर में सेना में शामिल होने के बाद राफेल की दूसरी खेप बीते साल नवंबर में भारत पहुंची थी। राफेल विमानों ने पड़ोसी दुश्मनों पर बहुत बड़ी सामरिक बढ़त हासिल कर ली है।