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चारों धामों के कपाट बंद, तारीखों की घोषणा के बाद भक्तों की संख्या में हुआ भारी इजाफा

चारों धामों के कपाट बंद होने की तारीख की घोषणा के बाद से लगातार उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 6 नवंबर को बंद होंगे. गंगोत्री धाम के कपाट 5 नवंबर और यमुनोत्री धाम के कपाट 6 नवंबर को बंद हो जाएंगे. वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.

देर से शुरू होने के बाद भी चारों धाम की यात्रा करने के लिए अब तक रिकॉर्ड चार लाख से ज्यादा भक्त पहुंच चुके हैं. इनमें दो लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने अकेले केदारनाथ धाम में दर्शन किए हैं. नवंबर महीने की शरुआत होते ही तीर्थ-पुरोहितों ने कपाट बंद करने की तैयारियों पर जोर देना शुरू कर दिया है.

तीर्थ पुरोहितों ने कपाट बंद करने की तैयारी शुरू की

तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने की तैयारियां शुरू कर दी है. गंगोत्री धाम के कपाट 5 और यमुनोत्री धाम के कपाट 6 नवंबर को बंद होने हैं. मां गंगा का मायका मुखबा और मां यमुना का मायका खरसाली में उत्सव डोलियों के स्वागत की तैयारियां भी तेज हो गई हैं. इसके चलते मुखबा और खरसाली अभी से गुलजार नजर आने लगे हैं.

गौरतलब है कि गंगोत्री धाम के कपाट 5 नवंबर अन्नकूट के मौके पर सुबह 11.45 मिनट पर विधि विधान पूजा अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बंद होंगे. कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन 6 महीने गंगा के मायके मुखबा कर सकेंगे. वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर ठीक 12.30 बजे विधिवत पूजा अर्चना के साथ आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ को बंद किए हो जाएंगे.

गंगोत्री और यमुनोत्री में पुरोहितों ने कपाट बंद करने की तैयारियां अभी से शुरू की

इससे पहले सुबह शनि महाराज की डोली अपनी बहन यमुना को लेने यमुनोत्री धाम पहुंचेगी. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में पुरोहितों ने कपाट बंद होने की तैयारियां अभी से आरंभ कर दी है. गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित सुरेश सेमवाल, पवन सेमवाल, राजेश सेमवाल आदि ने बताया कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. मां गंगा की उत्सव डोली अन्नकूट पर्व के मौके पर मुखबा के लिए रवाना होगी, जिसके बाद श्रद्धालु शीतकाल के लिए 6 महीने मां के दर्शन मुखबा में कर सकेंगे. मां के मायका मुखबा में उत्सव डोली के स्वागत की तैयारियां जोरों पर चल रही है. इसी तरह यमुनोत्री धाम के तीर्थपुरोहित आशीष उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट 6 नवंबर को विधिवत विशेष पूजा अर्चना के साथ शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. खरसाली में मां की उत्सव डोली के स्वागत में तरह तरह के पकवान और साज सज्जा का कार्य जारी है. इसके चलते मुखबा और खरसाली में रौनक लौट आई. स्थानीय लोगों में मां की उत्सव डोलियों के स्वागत को खासा उत्साह बना हुआ है.