देवप्रयाग संगम स्थल पर कानपुर निवासी बुजुर्ग भाई-बहन के गंगा नदी में बहने का अंदेशा जताया जा रहा है. दोनों अविवाहित बताए जा रहे हैं. वह बदरीनाथ यात्रा पर जाने की बात कहकर दो दिन पहले यहां एक होटल में ठहरे थे. पुलिस और एसडीआरएफ की टीम गंगा में दोनों की तलाश कर रही है.
बता दें कि संगम घाट पर जूते व कपड़ों का थैला मिलने पर लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पूछताछ करते हुए पुलिस को पता चला कि शाम 4 बजे महिला-पुरुष ने संगम तट पर पंडितों से पूजा करवाई थी. शाम लगभग 6 बजे वह ओट में बने महिला घाट की ओर चले गए.
यहां से दोनों को वापस लौटते हुए किसी ने नहीं देखा. घाट में पुलिस को चप्पल और एक बैग मिला. लेकिन इसमें पहचान संबंधी कोई कागजात नहीं मिले. मौके पर सामान मिलने और दोनों के वापस नहीं लौटने पर उनके गंगा में बहने की आशंका जताई गई है.
जांच के दौरान पुलिस को उस होटल का पता चल गया, जिसमें दोनों ठहरे हुए थे. होटल में उनका कमरा खुला मिला. यहां कपड़ों से भरे दो ब्रीफकेस व बैग मिले. होटल के रजिस्टर व पैन कार्ड के आधार पर दोनों की पहचान परागनगर कानपुर (यूपी) निवासी नागेश्वर प्रसाद के पुत्र 65 वर्षीय अरविंद व पुत्री 62 वर्षीय सुमन के रूप में हुई.
पुलिस को उनके सामान के साथ मोबाइल फोन मिला. फोन में कॉल रिकार्ड के आधार पर पुलिस ने संबंधित नंबरों पर संपर्क किया. इसमें पुलिस का संपर्क लखनऊ निवासी जितेंद्र प्रसाद से हो गया. जितेंद्र ने बताया कि दोनों लोग अविवाहित हैं. तीन वर्ष पूर्व दोनों लखनऊ का अपना घर 11 लाख रुपये में बेचकर किराये में रहने चले गए थे. दोनों बहुत कम ही बाहर निकलते थे. छह माह पूर्व उनसे मुलाकात हुई थी. उन्होंने यात्रा पर जाने की बात कही थी.
थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत ने बताया कि 20 सितंबर की शाम दोनों लोग देवप्रयाग पहुंचे थे. यहां बदरीनाथ यात्रा पर जाने की बात कहकर एक होटल में ठहरे थे. 21 सितंबर को दोनों देवप्रयाग व आसपास घूमते रहे. 22 सितंबर की शाम दोनों ने संगम में पूजा करवाई.