कोरोना महामारी के बीच यास (Yaas) तूफान खतरनाक चक्रवात (Severe Cyclonic Storm) का रूप ले चुका है. यास तूफान को लेकर करीब एक सप्ताह पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी और राज्यों ने इस तूफान से निपटने के इंतजाम भी कर लिए हैं. साथ ही पांच राज्यों में एनडीआरआफ की 115 से अधिक टीमें भी अलर्ट पर हैं. वहीं पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने लोगों से अपील की है कि मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी को गंभीरता से लें. जिससे तूफान से होने वाले नुकसान से बचा जा सके.
NDRF का कंट्रोल रूम
पांच राज्यों में एनडीआरएफ की 115 से अधिक टीमें तैनात हैं और आपदा से निपटने के लिए 20 टीमों को रिजर्व रखा गया है. जिससे जरूरत पड़ने पर तुरंत उन्हें बुलाया जा सके. वहीं एनडीआरएफ द्वारा एक कंट्रोल रूम बनाया गया है जो चक्रवाती तूफान की निगरानी कर रहा है.
मौसम विभाग की मानें तो बुधवार की सुबह ओडिशा के तट से चक्रवाती तूफान ‘यास’ के टकराने की संभावना है. इसलिए मछुआरों व लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वो समुद्र के पास ना जाएं और समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
तूफान को गंभीरता से लेते हुए नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने करीब 38 ट्रेनों को 24 से 29 मई के लिए रद्द कर दिया है. साथ ही रेलवे ने बताया कि इस दौरान जिन लोगों ने सफर के लिए टिकट बुक किए थे उन्हें पैसे रिफंड किए जाएंगे. IMD के के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने तूफान यास के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा, इससे चांदबाली में सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है और इसका असर आने से 6 घंटे पहले और बाद तक रहेगा. यानि यास तूफान काफी खतरनाक हो सकता है और इसका असर देश के अलग-अलग राज्यों में देखने को मिल सकता है.
इससे पहले ताउते तूफान के दौरान भी देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई थीं. तो कुछ क्षेत्रों में काफी तेज गति से हवाएं चली थीं, वहीं बिजली गिरना और बादल फटना जैसी घटनाएं भी हुई हैं. ऐसे में जरूरी है कि घरों में रहें और सुरक्षित रहें.