विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही सियासी गलियारों में उथल-पुथल तेज हो गयी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से चुनाव लड़ेंगे। योगी आदित्यनाथ के चुनाव की इस घोषणा के बाद अब इस सीट से चार बार के मौजूदा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल के लिए स्थितियां बदल गयी हैं। शनिवार को सीएम योगी की गोरखपुर से उम्मीदवारी का स्वागत करते हुए राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं। पार्टी के निर्णय का स्वागत करते हैं। ज्ञात हो कि टिकट कटने के एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि अगर उनकी जगह किसी और को टिकट मिलता है तो उन्हें चिंता नहीं है। उन्होंने बदले हुए अंदाज में कहा था कि मैं कभी भी राजनीति छोड़ने को तैयार हूं।
राजनीतिक लाभ के लिए दलबदल पर अग्रवाल ने कहा कि दूसरे राजनीतिक खेमे में जाने से बुरा कोई काम नहीं हो सकता। उन्होंने टिकट नहीं मिलने के बाद अब अपना रवैया बदल लिया है। ज्ञात हो कि गोरखपुर सदर विधानसभा सीट पर पिछले 33 सालों से बीजेपी का कब्जा है। इन 33 वर्षाें में कुल आठ चुनाव हुए जिनमें से सात बार बीजेपी और एक बार हिन्दू महासभा ययोगी आदित्यनाथ के समर्थन से के उम्मीदवार ने जीत हासिल की।
वर्ष 2002 में इस सीट से डा. राधा मोहन दास अग्रवाल हिन्दू महासभा के बैनर तले जीते थे। हिन्दू महासभा के बैनर से चुनाव जीतने के बाद ही वह बीजेपी में शामिल हो गये। वह तब से ही लगातार इस सीट से जीतते आ रहे हैं। राधा मोहन दास अग्रवाल पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस एमडी की पढ़ाई की। उसके बाद पांच साल बीएचयू में प्रोफेसर भी रहे। उसके बाद राधा मोहन दास नौकरी छोड़कर गोरखपुर आ गए और पहली बार में ही साल 2002 में विधायक बने।