गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब के अपने समकक्ष भगवंत मान के साथ तीन दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। वोटर्स को लुभाने के लिए केजरीवाल कई तरह के वादे कर रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को एक रैली में कहा कि अगर आम आदमी पार्टी (आप) विधानसभा चुनाव में सत्ता में आती है तो गुजरात का हर घर प्रति माह 30,000 रुपये के लाभ का हकदार होगा।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी राज्य में प्राथमिकता के आधार पर भ्रष्टाचार को खत्म करेगी, जैसा कि वे दिल्ली और पंजाब में कर चुके हैं। पंचमहल जिले के मोरवा हदफ में एक रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने महंगाई का मुद्दा उठाया और कहा कि वह परिवार के सदस्य की तरह लोगों की मदद करेंगे। उन्होंने कहा, ‘गुजरात में देश में सबसे ज्यादा महंगाई है। मैं आपको सबसे पहले महंगाई से मुक्ति दिलाऊंगा। एक मार्च के बाद आपको बिजली बिल का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। मैं आपके लिए ऐसा करूंगा।’
ऐसे हर घर को मिलेगा 30,000 का फायदा
दिल्ली के सीएम ने कहा, ‘मैं आपको प्रति माह 27,000 रुपए का लाभ दूंगा। आप के सत्ता में आने पर, एक परिवार बिजली बिल पर 3,000 और शिक्षा पर 10,000 रुपए की बचत करेगा। बेरोजगार युवाओं को 3,000 का वजीफा (स्टाइपेंड) और महिलाओं को 1,000 रुपए का मानदेय दिया जाएगा। इससे हर घर को प्रति माह 30,000 रुपए का फायदा होगा।’
वसूल करेंगे अवैध कमाई
आप नेता ने यह भी कहा कि भ्रष्ट विधायकों और मंत्रियों से अवैध कमाई की वसूली की जाएगी। अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए विशेष तीर्थयात्रा की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने करेंसी पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो वाली मांग को गुजरात में दोहराते हुए कहा कि 130 करोड़ भारतीय नोटों पर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की तस्वीरें चाहते हैं।
कांग्रेस का पलटवार
गुजरात कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, ‘आप भाजपा की तरह है और वे प्रचार पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। मासिक लाभ की घोषणा भाजपा के 15 लाख के ‘जुमले’ के समान है। दिल्ली में 700 सरकारी स्कूल हैं, जबकि गुजरात में 38,000 स्कूल हैं। तो, अगर आप को दिल्ली के स्कूलों में इन तथाकथित सुधारों को लाने में आठ साल लग गए, तो गुजरात में कितने साल लगेंगे? वे मोहल्ला क्लीनिक की बात करते हैं जिसके आस-पास शराब बिकती है। गुजरात में विज्ञापन और होर्डिंग लगाने के लिए पंजाब के करदाताओं के पैसे का उपयोग करने के बजाय, उन्हें इसका इस्तेमाल पंजाब में करना चाहिए।’