बीते साल गलवान घाटी में हुई चीन और भारत के सैनिकों की हिंसक झड़प को लेकर बीजिंग के खिलाफ बोलना एक 19 वर्षीय छात्र को महंगा पड़ गया। इस चीनी छात्र ने सोशल मीडिया पर सवाल किया था कि झड़प में कितने सैनिक मारे गए, यह बताने में चीन ने छह महीने का इंतजार क्यों किया। खबर के मुताबिक, इस चीनी छात्र वांग को अमेरिका जाते समय दुबई में गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे छोड़ा गया। अब चीन ने कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रहा है।
भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों के साथ पिछले साल 15 जून को हुई झड़प में 20 कर्मियों की शहादत की घोषणा की थी जबकि चीन की जन मुक्ति सेना ने करीब आठ महीने बाद खुलासा किया था कि उसके चार सैन्य कर्मी मारे गए थे जबकि एक अधिकारी घायल हुआ था। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, वांग ने तब सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर सवाल किया था कि चीन सरकार ने चीनी सैनिकों की मौत के बारे में जानकारी देने के लिये छह महीने तक इंतजार क्यों किया। इसके बाद उसे प्रताड़ित करने का अभियान चलने लगा, जिसकी वजह से वह इस्तांबुल रवाना हो गया। पिछले साल गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद आधिकारिक मीडिया में आई खबरों को लेकर सवाल उठाने वाला यह लड़का पूछताछ के बाद यहां से भाग गया था। दुबई की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के स्थायी निवासी वांग जिंगयू को तुर्की के इस्तांबुल जाते वक्त संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों द्वारा अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था।