गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बालों में कलर या डाई करने से मना किया जाता है. इसकी वजह है कि हेयर कलर या डाई में अमोनिया एक मुख्य तत्व है, जो जहरीला तत्व माना जाता है. अमोनिया बहुत तेजी से हवा में मिक्स हो जाता है.
बालों में कलर या डाई लगाते वक्त उससे निकलने वाली जहरीली हवा सांसों के जरिए महिला के शरीर में जाती है. चूंकि बच्चा मां के जरिए ही सांस लेता है, ऐसे में ये उसकी सेहत पर भी असर डाल सकती है. लेकिन अगर इसे किसी वजह से लगाना जरूरी है तो कुछ बातों का ध्यान रखें.
1. प्राकृतिक हेयर डाई, केमिकल हेयर डाई की तुलना में ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है. कोशिश करें कि प्राकृतिक डाई का इस्तेमाल करें.
2. गर्भावस्था के दौरान हेयर डाई का बहुत ही सीमित इस्तेमाल करें.
3. हेयर डाई को इस्तेमाल करने से पहले उसके डिब्बे पर सामग्री के बारे में जरूर पढ़ लें. कोई भी कलर या डाई अमोनिया फ्री हो तभी इस्तेमाल करें. अगर आप किसी हेयर डाई का इस्तेमाल लगातार कर रही हैं तो भी हर कुछ महीनों पर उसके सामग्री की जांच करें क्योंकि हेयर डाई की सामग्री में हर कुछ समय पर कुछ बदलाव होते हैं.
4. संभव हो तो पहली तिमाही में कलर करने से पूरी तरह परहेज करें क्योंकि पहले तीन महीने में शिशु का विकास बहुत तेजी से होता है.
5. बालों को रंगने के लिए हर्बल हेयर डाई सबसे सुरक्षित तरीका है. हर्बल हेयर डाई वनस्पति का बना होता है, उसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक केमिकल नहीं होते हैं.
6. कलर या डाई लगाते समय हाथों पर दस्ताने ज़रूर पहनें और हवादार कमरे में डाई लगवाएं.
7. अगर आप सिर्फ बालों को हाईलाइट कराना चाहती हैं तो रंग को बालों पर लगाएं उसे जड़ों तक न जाने दें. वैसे डाई या कलर की जगह आप मेहंदी का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.