यमन की राजधानी सना में बच्चों के हत्यारों को मौत की सजा दी गई, लेकिन ये सजा बेहद ही खौफनाक थी. राजधानी पर कब्जा कर चुके हूती विद्रोहियों ने हत्या के तीन आरोपियों को भीड़ के सामने बीच चौराहे पर ले जाकर गोलियों से भून दिया. मरने के बाद इनकी लाशों को क्रेन से हवा में लटकाया गया. लोगों की लाशों को कालीन में लपेटकर वहां से हटा दिया गया. हत्या के आरोपियों के नाम 40 वर्षीय अली अल-नामी, 38 वर्षीय अब्दुल्ला अल-मखली और 33 वर्षीय मोहम्मद अरमान बताये गये हैं. तीनों आरोपियों ने जेल की नीले रंग की पोशाक पहनी हुई थी. थोड़ी ही देर बाद तीनों को एक-एक करके सड़क पर बिछी कालीन पर आमने-सामने लेटा दिया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ वहां मौजूद थी.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक हत्या के आरोपियों को दी जा रही इस तरह सजा का वीडियो लोग बनाते हुए दिखे. इन तीनों की पीठ पर एके-47 से बारी-बारी गोली मारी गई, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई. मरने के बाद इनके शवों को लाल कालीन में लपेटकर दूसरी जगह लेकर जाया गया. अगस्त 2018 के बाद से राजधानी सना में सार्वजनिक रूप से किसी को इस तरह मौत की सजा देने का यह पहला मामला है. गोली मारने के बाद विद्रोहियों ने इन तीनों के शवों को कुछ देर के लिए क्रेन की सहायता से हवा में भी लटकाया, जिससे लोगों में अपराध को लेकर खौफ पैदा किया जा सके. यमन 2014 से गृहयुद्ध में उलझा हुआ है. सऊदी अरब के नेतृत्व में गठबंधन देशों की सेनाएं हूती विद्रोहियों के साथ जंग लड़ रही हैं. इस युद्ध के दौरान 130,000 लोगों की मौत हो चुकी है. कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का आरोप है कि मरने वालों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. ये विद्रोही यमन की सीमा से सऊदी अरब के तेल के डिपो और रिफाइनरियों पर आए दिन ड्रोन और मिसाइल हमले करते रहते हैं. इस साल मार्च में सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों को संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया था, लेकिन विद्रोहियों ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए मारिब शहर के चारों ओर लड़ाई जारी रखी हुई है.