खेल की दुनिया में पुरस्कारों को लेकर केन्द्र सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। केंद्र की मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है। अब राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार को हॉकी के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने का फैसला किया है। राजीव गांधी से मेजर ध्यानचंद नाम परिवर्तन की सूचना प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में लिखा कि देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है। खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाये। लोगों की भावनाओं को देखते हुए राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।
हॉकी के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का हॉकी में अविस्मरणीय योगदान रहा है। उन्होंने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल किये थे। इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए, जो उनकी बादशाहत की कहानी है। उनके जन्मदिन (29 अगस्त) को भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन हर साल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाते हैं। इस अवॉर्ड की शुरुआत 1991-92 में की गई थी।
ध्यानचंद की उपलब्धियों का सफर भारतीय खेल इतिहास को गौरवान्वित करता है। भारतीय हाॅकी का सुनहरा पल है जिसे हर भारतीय एक बार फिर चाहता है। लगातार तीन ओलंपिक (1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस और 1936 बर्लिन) में भारत को हॉकी का स्वर्ण पदक दिलाने वाले ध्यानचंद के जीवट का हर कोई कायल रहा है।