अमेरिका में स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलने लगा है। संक्रमित बच्चे अब अभिभावकों, शिक्षकों, स्टाफ व अन्य लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एएपी) का कहना है कि पिछले हफ्ते 1.80 लाख बच्चे संक्रमित हुए।
सात दिन में 23 बच्चों ने तोड़ा दम …
एएपी के अनुसार सात दिन में 23 संक्रमित बच्चों ने दम तोड़ दिया। इससे पहले ये आंकड़ा आठ था संक्रमण से मौतों में बच्चों की हिस्सेदारी 0.1 फीसदी है । रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2020 से लेकर अब तक कुल 46 लाख बच्चों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
कुल मरीजों में 22 फीसदी बच्चे …
एएपी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में कुल मरीजों में से 22.4 फीसदी बच्चे हैं। मार्च 2020 से शुरू हुई महामारी की चपेट में आने वाले बच्चे 14.6 फीसदी है । हैरानी की बात ये है कि महामारी की शुरुआत से ही अमेरिका में संक्रमण के कुल मामलों में दस फीसदी हिस्सेदारी बच्चों की है।
फाइजर के टीके से न्यूजीलैंड में महिला की मौत की पुष्टि
न्यूजीलैंड ने फाइजर के टीके से जुड़ी पहली मौत की पुष्टि सोमवार को की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि टीका लगने के बाद एक महिला की मौत का मामला सामने आया है। मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बताया, महिला की मौत का कारण हृदय में सूजन है, जिसे मायोकार्डिटिस कहते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि टीके के साइड इफेक्ट के कारण हृदय द्वारा खून को पंप करने की क्षमता घट जाती है। इस कारण हृदय गति प्रभावित होने लगती है , जो मौत का कारण बन जाती है। फाइजर ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी। हालांकि बोर्ड ने ये भी स्पष्ट किया है कि महिला के हृदय में अचानक सूजन टीके के कारण आई या किसी अन्य कारण से इसकी जांच चल रही है।
फ्रांस : 20 लाख कर्मियों के लिए स्वास्थ्य पास जरुरी
फ्रांस में सोमवार से रेस्तरां और अन्य सेवाओं में कार्य करने वाले 20 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए अपना स्वास्थ्य पास दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है । सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए आम जनता को यह पास दिखाना पहले से अनिवार्य है।
सरकार के आदेश के मुताबिक, सोमवार से सभी कर्मचारियों को पास दिखाना होगा, जिसमें टीकाकरण का सबूत, नवीनतम निगेटिव कोविड19 जांच रिपोर्ट और कोरोना से उबरने का प्रमाण पत्र शामिल है। हालांकि, कुछ लोग टीकाकरण या स्वास्थ्य पास के खिलाफ हैं और गत जुलाई से ही साप्ताहिक आधार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं ।
इस्राइल में 12 से अधिक उम्र के बच्चों को बूस्टर डोज
बच्चों में कोरोना के प्रकोप को बढ़ते देख इस्राइल ने भी 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को बूस्टर डोज लगाने का फैसला किया है। इस्राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि फाइजर टीके का प्रभाव छह महीने बाद देने का फैसला किया गया है। इस्राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय के पब्लिक हेल्थ के प्रमुख शैरॉन एलॉरी प्रेस का कहना है कि तीसरी डोज से बच्चों का सुरक्षा कवच मजबूत होगा इसे ध्यान में रखकर ये फैसला लिया गया है।