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खुद को मरा साबित करने बीएससी छात्र को उतारा था मौत के घाट, कोर्ट ने सुनायी फांसी की सजा

छात्र अमन दांगी (Student Aman Dangi) की हत्या (killing) कर उसकी लाश जलाने के मामले में भोपाल (Bhopal) की जिला कोर्ट (district court) ने आरोपी रजत सैनी (Rajat Saini) को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. साल 2017 में उसे भोपाल में नकली नोट बेचने के मामले में 7 साल की सजा और 2018 में गुना जिले के राधौगढ़ में नाबालिग बच्चे के अपहरण के मामले में उसे 2019 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी.

वह ग्वालियर जेल मे बंद था और 23 मई 2022 केंद्रीय जेल ग्वालियर से पेरोल पर बाहर आया था. उसे 06 जुलाई 2022 को वापस पहुंचना था, लेकिन वो पेरोल से वापस नहीं लौटा था. फरार रहने के दौरान ही उसने भोपाल में अमन दांगी की हत्या करने की वारदात को अंजाम दिया था.उसने खुद को मरा हुआ साबित करने के लिए 10 महीने पहले बीएससी के छात्र अमन दांगी को बैट और हथौड़े से पीट कर मार डाला. इसके बाद पेट्रोल डालकर उसकी लाश को जला दिया, ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके. मामले में सबूतों और गवाहों को मद्देनजर रखते हुए सप्तम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. धर्मेंद्र टाडा की कोर्ट ने आरोपी को फांसी के साथ 2 अन्य मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है.

ऐसे आरोपी पकड़ा गया
दरअसल, 14 जुलाई 2022 को खजूरी सड़क थाना स्थित एक मकान में एक अधजली लाश मिली थी. उसके चहरे पर अधजला कपड़ा बंधा था. कपड़े को हटा कर देखा, तो लाश की शिनाख्त पड़ोस में रहने वाले अमन दांगी के रूप में हुई थी.

शव की पहचान उसके चचरे भाई भैयालाल दांगी ने की थी. मकान रजत सैनी ने किराय पर लिया था. खजूरी थाना पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी रजत सैनी को 12 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया था. वह बरबटपुरा रेस्टहाउस के पास राघौगढ़ थाने का रहने वाला था.

जेल में हुई दोस्ती, पांच लाख रुपए लिए उधार
पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह जेल में सजा काट रहा था. इस दौरान जेल में निरंजन मीणा से दोस्ती हो गई. मुझे रुपयों की जरूरत थी, तो मुझे निरंजन मीणा ने रामनिवास मीणा से जेल में मिलवाया और मुझे पांच लाख रुपये उधार दिलवाए. मगर, वह पैसा मैं लौटा नहीं पा रहा था.

इसलिए बनाई अपनी हत्या के नाटक की योजना
तब निरंजन मीणा मुझे और मेरे परिवार को मारने की धमकी देने लगा. उसके डर से मैंने मकान किराये पर लिया और निरंजन की हत्या करना चाहता था और उसे किराये के मकान में ही दफनाना चाहता था. मगर, मुझे वह मौका नहीं मिल सका.

इस कारण मैंने अपनी ही हत्या का नाटक करने की योजना बनाई. इसके बाद रवि मेवाड़ा के माध्यम से मैंने किराये का मकान लिया. उसी को मेरी हत्या का आरोपी बनाने की योजना थी. किराये के मकान में मैंने अमन दांगी की हत्या कर पहचान छुपाने की नियत से हत्या के बाद शव पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और मौके से फरार हो गया.

शातिर अपराधी है रजत सैनी- विशेष लोक अभियोजक
इस पूरे मामले में विशेष लोक अभियोजक वर्षा कटारे के मुताबिक, आरोपी रजत सैनी काफी शातिर है. आरोपी मेडिकल इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी में सुपरवाइजर था. वह ग्वालियर जेल से फरार भी था. वह पिछले कई दिनों से बीमारी का बहाना बनाकर गुमराह कर रहा था.

दो अन्य मामलों में हुई है आजीवन कारावास की सजा
विशेष लोक अभियोजक वर्षा कटारे ने कहा कि माननीय न्यायालय ने अच्छा निर्णय सुनाया है. साक्ष्य का सही तरीके से मूल्यांकन करते हुए एक मामले में दोषी को धारा 302 के तहत मृत्युदंड दिया है. वहीं, तीन धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

आरोपी बहुत शातिर था. पहले भी दो मामलों में इसे सजा हो चुकी है. गुना में एक बच्चे के अपहरण के मामले में उसे आजीवन कारावास मिला था. वहीं, भोपाल में नकली टिकट बेचने के मामले में उसे सात साल की सजा हुई थी. उसने जेल जाने से बचने के लिए अपनी हत्या का नाटक करने का षड्यंत्र रचा था, ताकि पुलिस उसे मरा हुआ मान लें और वह जेल जाने से बच जाए.