राजस्थान में सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पिता के अपनी बेटी के शव को कार की आगे की सीट पर बांधकर अस्पताल से घर ले जाने की मार्मिक तस्वीरें सुर्खियों में छाई रहीं। तस्वीर में कार चलाने वाले व्यक्ति को मृतक बेटी सीमा का पिता बताया गया है। सुर्खियां यह भी बनी रही की बेटी के पिता से कोटा से झालावाड़ 80 किलोमीटर डेड बॉडी ले जाने के एक एंबुलेंस चालक ने 35000 रुपये, दूसरे एंबुलेंस चालक ने 18000 रुपए और तीसरे एंबुलेंस चालक ने 15000 रुपये मांगे।
कोरोना महामारी के इस दौरान में कोटा सहित पूरे प्रदेश को इन तस्वीरों ने शर्मसार किये रखा। सोशल मीडिया पर मामला सामने आने पर कोटा कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में हड़कंप मचा रहा। सीएमओ के यहां से कोटा कलेक्ट्रेट में टेलीफोन की घंटियां दिनभर बजती रही। कोटा कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने सीएमओ से मिले निर्देश पर आरटीओ कुसुम राठौड़ और न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर सुशील को मामले की जांच पड़ताल के लिए सख्त निर्देश दिए।
इधर, कोटा आरटीओ कुसुम राठौड़ के मुताबिक डीटीओ और अन्य परिवहन अधिकारियों से एंबुलेंस चालकों ने 35000, 18000 और 15000 रुपये में डेड बॉडी कोटा से झालावाड़ ले जाने की बात कही। दोपहर से लेकर रात तक जांच करवाई गई। लेकिन मृतक महिला के परिजन परिवहन विभाग की जांच के दौरान यह नहीं बता पाए कि किस एंबुलेंस चालक ने उनसे हजारों रुपये की डिमांड की। और कौन सी एंबुलेंस उस दौरान न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर और उसके आसपास मौजूद थी? ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ परिवहन विभाग सख्त से सख्त कार्रवाई कर सके। जांच में कुछ भी सामने नहीं आने पर परिवहन विभाग ने मृतका के परिजनों से की गई बातचीत की स्थिति रिपोर्ट बनाकर जिला कलेक्टर को सुपुर्द कर दी है।
आरटीओ कुसुम राठौड़ ने कहा कि परिवहन विभाग ने एंबुलेंस चालकों की ओर से मोटे पैसे वसूलने पर रोकथाम लगाने के लिए समय-समय पर डीकॉय ऑपरेशन भी किए हैं। साथ ही परिवहन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हुए हैं और सभी एंबुलेंस वाहनों में शिकायत नंबर चस्पा किए हैं। लेकिन परिवहन विभाग के पास कोटा से झालावाड़ डेड बॉडी ले जाने कि किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिली थी। कोटा जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ के यहां से मिले निर्देश पर मामले की पड़ताल करवाई। कलेक्टर राठौड़ ने कहा कि जिस मृतका के परिजनों ने एंबुलेंस चालकों की ओर से 35000, 18000 व 15000 मांगे जाने की बात कही है। उनसे पूछे जाने पर वह लोग प्रशासन को कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पाए हैं। जबकि प्रशासन चाहता है कि ऐसे चेहरे सामने आए। जिनके खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई कर सकें।
इस पिता को अपनी 34 साल की बेटी का शव कोटा से झालावाड़ ले जाना था #Ambulance वालों ने 35000 ₹ माँगे।
पिता क्या करता ? चल पड़ा बिटिया के साथ आख़िरी सफ़र पर
( वीडियो @tarun_sharma62 ) pic.twitter.com/YuhvWhWmlE
— Vinod Kapri (@vinodkapri) May 25, 2021
कलेक्टर ने कहा कि शव को भिजवाने के लिए अस्पताल परिसर में प्रथक वाहन की व्यवस्था की हुई है। जिस तरह की तस्वीरें सामने आई हैं, वह दुखद हैं। परिजनों को प्रशासन से मामले की सीधी शिकायत करनी चाहिए। ताकि पीड़ित पक्ष को प्रशासन की ओर से न्याय मिल सके। इधर, प्रशासनिक जांच पड़ताल में कोटा से झालावाड़ डेड बॉडी ले जाने को लेकर हजारों रुपए की मोटी राशि की की गई डिमांड की बात रात तक कोरी साबित हुई और प्रशासनिक अमला दोपहर से लेकर रात तक मैराथन करता रहा। लेकिन प्रशासन इसके अलावा पिता की ओर से बेटी के शव को कार में सीट बेल्ट से बांधकर ले जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले की भी गहनता के साथ जांच करवा रहा है। क्योंकि तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर दो तरह की वायरल हुई है। एक बेटी का पिता बेटी के शव को पीपीई किट में बांधकर शीट बेल्ट से कसकर घर लेकर गया, तो वहीं दूसरी तस्वीर नहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ऐसी भी सामने आई कि मृतक के परिजन शव को खुद उठाकर एंबुलेंस के बजाय कार में लेकर जा रहे है।