एक स्टडी से जानकारी सामने आई है कि कोरोना से ठीक होने वाले हर तीन में से एक मरीज को जिंदगी भर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और लंबे वक्त के लिए उनके फेफड़े को भी नुकसान पहुंच सकता है। ब्रिटिश टेलिग्राफ अखबार ने इंग्लैंड की प्रमुख स्वास्थ्य एजेंसी नेशनल हेल्थ सर्विस के गाइडेंस के हवाले से ये बातें प्रकाशित की हैं।
इस मामले में ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के गाइडेंस का कहना है कि कोरोना से ठीक होने वाले 30 फीसदी मरीजों के फेफड़ों को क्षति पहुंच सकती है। इन लोगों को थकान आने की समस्याएं और मानसिक तकलीफ भी हो सकती है। वहीं, आईसीयू में इलाज के बाद जो मरीज ठीक हुए हैं उनमें से अधिक लोगों को लंबे वक्त समय तक अनेक प्रकार की दिक्कतें आ सकती हैं।
इस बारे हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बात के लगातार सबूत मिल रहे हैं कि कोरोना से शरीर को स्थाई समस्याएं हो सकती हैं। कोरोना से बीमार होकर ठीक होने वाले लोगों के दिमाग को भी नुकसान पहुंच सकता है और अलजाइमर का खतरा पैदा हो सकता है।
एनएचएस के कोविड रिकवरी सेंटर के प्रमुख हिलेरी फ्लॉयड ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर चिंता हो रही है कि कोरोना के लंबे समय तक पड़ने वाले असर के बारे में बेहद कम जानकारी मौजूद है।