केरल के तिरुवनंतपुरम जिले (Thiruvananthapuram district of Kerala) में सरकारा देवी मंदिर परिसर में आरएसएस (RSS) की गतिविधियों को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त आदेश दिया है। केरल हाई कोर्ट ने पुलिस के निर्देश दिया है कि मंदिर परिसर में आरएसएस (RSS) के सामूहिक अभ्यास और हथियारों के प्रशिक्षण को बंद करवा दिया जाए।
बता दें कि यह मंदिर त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अधीन है। मंदिर परिसर में आरएसएस के ट्रेनिंग कैंप को लेकर दो श्रद्धालुओं ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि आरएसएस मंदिर परिसर पर अनाधिकृत कब्जा करके इसका गलत उपयोग कर रहा है।याचिकाओं पर सुनवाई के बाद निपटारा करते हुए केरल हाई कोर्ट ने पुलिस से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मंदिर परिसर में किसी तरह का सामूहिक अभ्यास और हथियारों का प्रशिक्षण ना हो। जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और पीजी अजितकुमार की बेंच ने पुलिस को यह निर्देश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने मंदिर प्रशासन को भी निर्देश दिया है कि वह ऐसी गतिविधियों के लिए परिसर का इस्तेमाल ना होने दें।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, मंदिर में किसी भी तरह के सामूहिक अभ्यास या फिर हथियारों के प्रशिक्षण को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि चिरायिनकीजू पुलिस स्टेशन यह सुनिश्चत करने में मंदिर प्रशासन की मदद करेगा। बता दं कि याचिका में कहा गया था कि आरएसएस के शिविर की वजह से श्रद्धालुओं को दर्शन करने में परेशानी होती है। खास तौर पर महिलाओं और बच्चों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। याचिका में कहा गया था कि रोज ही मंदिर परिसर में शाम 5 बजे से रात के 12 बजे तक हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है। इस बारे में बोर्ड ने पहले भी सर्कुलर जारी किया था और मंदिर परिसर छोड़ने की बात कही थी।
याचिका में कहा गया था कि आरएसएस के लोग जोर-जोर से नारेबाजी करके और वेपनरी ट्रेनिंग के जरिए मंदिर का माहौल खराब करते हैं। इससे माहौल अशांत हो जाता है। बहुत से बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। शांति ना होने की वजह से उन्हें असुविधा होती है। याचिका में यह भी कहा गया था कि आरएसएस के सदस्य मंदिर परिसर में ही तंबाकी और पान मसाला खाकर थूकते हैं। इससे दुर्गंध आती है। याचिका में आर्टिकल 21 का जिक्र करते हुए कहा गया था कि सभी का पुजा करने का मौलिक अधिकार है।