किसानों ने 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद तक ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया था. आज सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की बैठक हुई. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की मीटिंग में ट्रैक्टर से संसद मार्च को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. सूत्रों की मानें तो किसानों ने 29 नवंबर को ट्रैक्टर से संसद मार्च स्थगित कर दिया है. हालांकि, इसका आधिकारिक ऐलान अभी बाकी है.
इससे पहले केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कृषि कानून (Farm Law) के वापस लेने के फैसले के बाद कहा, “पीएम संसद से पास हुए 3 बिल लाए थे. इनसे किसानों को फायदा होता, इस कानून को लाने के पीछे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने की पीएम की स्पष्ट मंशा थी, लेकिन मुझे दुख है कि हम देश के कुछ किसानों को इस नए कानून का लाभ बताने में विफल रहे.’ कृषि मंत्री ने आगे कहा, “देश इस बात का गवाह है कि जब से पीएम मोदी ने 2014 में सरकार की बागडोर अपने हाथों में ली है, उनकी सरकार की प्रतिबद्धता किसानों और कृषि के लिए रही है. परिणामस्वरूप आपने देखा होगा कि पिछले 7 सालों में कृषि को लाभ पहुंचाने वाली कई नई योजनाएं शुरू की गईं.
केंद्र सरकार ने हमेशा किसानों के कल्याण के लिए कार्य किया है
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने हमेशा किसानों के कल्याण के लिए कार्य किया है. कई जगह इसका फायदा भी देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि कई किसानों को इसका फायदा भी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी चाहते थें कि हमारे देश में किसानों के लिए जो बंदिशे हैं उनको खोला जाए. इसलिए हम कृषि कानून लेकर आए. लेकिन हम इन कानूनों को कुछ किसानों को समझाने में सफल नही हो पाए और इन्हे रद्द करना पड़ा .
प्रदर्शन कर रहे किसानों को मिली बड़ी जीत
दरअसल पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को आज बड़ी जीत मिली है. केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. इन कानूनों के विरोध में किसान पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधन में कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की घोषणा की.