मिशन मिशन 2024 को देखते हुए सभी विपक्षी पार्टियों (opposition parties) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इसी कड़ी में प्रमुख रूप से कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी (MP Rahul Gandhi) मिशन 2024 के मद्देनजर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (India Jodo Yatra) निकाल रहे हैं, जिसे कांग्रेस एकजुट होने और राष्ट्र को मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन इस बीच कांग्रेस की पदयात्रा को लेकर सियासी वार-पलटवार का दौर भी जारी है।
आपको बता दें कि अनंतनाग में पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Former Chief Minister Ghulam Nabi Azad) ने तंज कंसा है। भारत जोड़ो यात्रा के प्रभाव पर आजाद ने कहा वे जो कर रहे हैं उन्हें करने दें, हम अपना काम करेंगे। हम भी लोगों को एकजुट करने के लिए काम कर रहे हैं। हम बर्फ से ढके पहाड़ों में चलते हैं। कुछ लोग आसान काम करते हैं, हम कठिन काम करते हैं।
दूसरी ओर जम्मूकश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होने इसलिए नेताओं ने अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। इसी बीच गुलाम नबी आजाद ने कहा कि घाटी में तैनात कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर जम्मू स्थानांतरित किया जाए ताकि आतंकी हमलों से उन्हें बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाना चाहिए।
जब स्थिति में सुधार हो तो उन्हें वापस आना चाहिए, लेकिन वर्तमान में इन कर्मचारियों के मन में डर है, फिलहाल उनका जम्मू में तबादला कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, वह क्यों मारे जाने चाहिए। अनंतनाग जिले में एक रैली के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आजाद ने कहा कि पिछले एक साल में हुई लक्षित हत्याओं के कारण ऐसी स्थिति बनी है।
यहां तैनात कश्मीरी पंडित कर्मचारी कश्मीर में नहीं रहना चाहते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान 6,000 पद थे जो पीएम पैकेज के तहत मंजूर किए गए थे। उन्होंने कहा कि यह मेरे कार्यकाल में था कि जगती टाउनशिप, बडगाम में आवास और अन्य जगहों पर भी डबल शिफ्ट लगाकर काम खत्म कर इन आवासों को बनाया गया था। इससे पहले रैली को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि आतंकियों से निपटने के लिए अलग नीति होनी चाहिए जिसे साधारण लोगों में नहीं बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर कश्मीरी को शक की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। लोगों की दो श्रेणियां हैं।
उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी है जो पाकिस्तान में प्रशिक्षण लेकर हथियार प्राप्त करता है। हर सरकार की उनके साथ निपटने की नीति होती है। मैंने यह नहीं कहा है कि उन्हें माफ कर देना चाहिए, लेकिन सामान्य लोग जिनका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है, उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
इसलिए रूका प्रदेश में विकास
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चुनाव न होने के कारण प्रदेश में विकास रुका हुआ है। पहले जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन था फिर धारा 370 को हटाया गया। अब राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। अब उप राज्यपाल जम्मू-कश्मीर को देख रहे हैं। छह साल बीत जाने के बाद भी चुनाव नहीं हो रहे हैं। पहले विकास कार्यों को विधायक देखता था। सरकार में मंत्री होता था लेकिन अब वह मंत्री का काम एक सरकारी अधिकारी देख रहा है जो चिंता का विषय है।