कर्नाटक (Karnataka) में छात्राओं के हिजाब (Hijab) पहनने को लेकर उपजा विवाद अब राजनीतिक रूप ले चुका है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने शनिवार को हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर राज्य की बीजेपी नीत सरकार पर निशाना साधा. उनका कहना है कि इससे लड़कियों को शिक्षा मिलने में और ज्यादा दिक्कतें आएंगी. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय को लाकर बीजेपी (BJP) अपना वोट बैंक हासिल करने की योजना बना रही है.
कुमारस्वामी ने हिजाब विवाद के लिए बीजेपी और कांग्रेस (Congress) दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के बजाय, वे इसे ‘बेटी हटाओ’’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें यह रोकना चाहिए. कुमारस्वामी ने सरकार से उन संस्थानों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा, जहां अब तक हिजाब की अनुमति थी. इसके अलावा, उन जगहों पर इसकी अनुमति नहीं देने के लिए कहा, जहां यह हाल ही में शुरू हुआ है.
CM बसवराज बोम्मई पर साधा निशाना
उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि उनका अपने मंत्रियों पर ही नियंत्रण नहीं है क्योंकि वे अस्पष्ट बयान दे रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से लड़कियों को हिजाब पहनने की अनुमति देने की भी अपील की. कुमारस्वामी ने कहा, ‘नया चलन शुरू करने के लिए राज्य के कुछ स्कूलों को अनुमति देने की जरूरत नहीं है. कॉलेजों में कुछ लड़कियों ने हिजाब पहनना शुरू कर दिया, जिसके बाद से यह मुद्दा उठने लगा.’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें (छात्राओं को) उसी परंपरा का पालन करने दें जो पहले थी. उन्हें यथास्थिति का पालन करना होगा. नया नियम लाने की जरूरत नहीं है.’
कर्नाटक शिक्षा विभाग ने शनिवार को एक निर्देश जारी किया था कि सभी सरकारी स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा घोषित ड्रेस कोड का पालन करना होगा. कर्नाटक शिक्षा विभाग ने कहा, ‘सभी सरकारी स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा घोषित ड्रेस कोड का पालन करना होगा. प्राइवेट स्कूल के छात्र भी स्कूल प्रबंधन द्वारा तय की गई ड्रेस का पालन करेंगे.’ विभाग ने कहा कि अगर प्री-यूनिवर्सिटी विभाग के तहत कॉलेजों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है, तो कोई ऐसी पोशाक पहना जाना चाहिए. जिससे समानता, अखंडता और कानून व्यवस्था प्रभावित ना हो.
छात्राओं को हिजाब में क्लास में एंट्री नहीं
बता दें कि राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. जबकि हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में आ रहे हैं. यह मुद्दा जनवरी में उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय से शुरू हुआ था. यहां छह छात्राएं निर्धारित ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर कक्षाओं में आई थीं. इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों से भी आए. बेलगावी के रामदुर्ग महाविद्यालय और हासन, चिक्कमंगलुरु और शिवमोगा में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब या भगवा शॉल के साथ छात्र-छात्राओं के आने की घटनाएं और बन्नीमंतपा (मैसूर) में हिजाब के पक्ष में लड़कियों के एक समूह के प्रदर्शन करने की खबरें सामने आई हैं.