मिशनरीज ऑफ चैरिटी (Missionaries of Charity) के लिए 78 लाख रुपये मंजूर किए जाने पर ओड़िशा सरकार को विश्व हिन्दु परिषद (Vishva Hindu Parishad) का विरोध झेलना पड़ा है. ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने राज्य में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित 13 संस्थानों का समर्थन करने के लिए मुख्यमंंत्री राहत कोष (Chief Minister Relief Fund) से 78.76 लाख रुपये मंजूर किए थे. इस पर विरोध जताते हुए विहिप ने कहा है कि किसी भी मुख्यमंत्री को हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करने वाले संगठन को पैसा देने का अधिकार नहीं है.
विश्व हिंदू परिषद के महासचिव मिलिंद परांडे ने एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘विहिप मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए ओड़िशा सरकार द्वारा 78 लाख रुपये मंजूर किए जाने का कड़ा विरोध करती है. यह करदाताओं का पैसा है. मिशनरीज ऑफ चैरिटी धर्मांतरण में शामिल है. किसी भी मुख्यमंत्री को ऐसा करने का हक नहीं है.’
सीएम नवीन पटनायक ने किया था ऐलान
सीएम पटनायक के कार्यालय ये यह जानकारी दी गई थी कि यह मदद राज्य के आठ जिलों में मौजूद चैरिटी संस्थानों के लिए है. मुख्यमंत्री के इस फैसले से 900 से ज्यादा आश्रय गृहों (Leprosariums) और अनाथालयों (Orphanages) को लाभ होगा. इससे पहले पटनायक ने कहा था, ‘जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि राज्य में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित आश्रय गृहों और अनाथालयों के सामने किसी तरह की परेशानी नहीं आनी चाहिए.’ पटनायक ने जिलाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि आश्रय गृहों में रहने वाले किसी व्यक्ति को खानपान या स्वास्थ्य संबंधी असुविधा का सामना नहीं करना पड़े, इसका पूरा ध्यान रखा जाए.
मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी का FCRA लाइसेंस हुआ बहाल
गृह मंत्रालय ने हाल ही में मदर टेरेसा (Mother Teresa) के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम पंजीकरण (FCRA Registration) को फिर से बहाल कर दिया. इसका मतलब यह है कि संगठन अब विदेश से फंड (Foreign Fundings) प्राप्त कर सकेगा और बैंकों में पड़े पैसों का भी लाभ उठा सकेगा. बता दें कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी एक कैथोलिक धार्मिक मण्डली है, जिसकी स्थापना 1950 में नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा ने गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करने के लिए की थी. गृह मंत्रालय ने 25 दिसंबर को एफसीआरए पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए मदर टेरेसा द्वारा कोलकाता में स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आवेदन को पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण खारिज कर दिया था.