उत्तर प्रदेश के मेरठ(meruth) जिले में एसएसपी(SSP) ने पुलिसकर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा. दरअसल, एसएसपी को कई दिनों से लगातार सूचना मिल रही थी कि थानों में पुलिसकर्मी बिना रिश्वत के काम करने को तैयार नहीं होते हैं. इसके बाद एसएसपी साहब खुद ही मिशन पर निकल पड़े, उन्होंने छुपकर इन रिश्वतखोरों की जांच शुरू करवा दी। वहीं मंगलवार को एसएसपी के को बड़ी सूचना मिली कि पुलिसवालों की एक वकार(wakaar) नाम के शख्स से एक लाख रुपये की डील हो गई है. जिसके बाद एसएसपी ने उन्हें रंगेहाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया.
हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह(manmohan singh) की घेराबंदी कर ली गई। पता चला कि शाम करीब 4 बजे वकार नाम का शख्स मुजफ्फरनगर से मेरठ पहुंचेगा. जिसके बाद वकार के पीछे सादी वर्दी में चार पुलिस वाले भी लग गए। रिश्वत देने के लिए सिपाही को वकार ने रजबन में बुलाया। यहां पैसे लेते ही पुलिस टीम ने सिपाही को दबोच लिया। रिश्वतखोर पुलिसकर्मी को पकड़ने के बाद पुलिस उसको पुलिस लाइन ले गई।
जिसके बाद सिपाही ने आखिरकार इंस्पेक्टर का सारा राज खोल दिया और बताया कि किस तरह से रिश्वत मांगी गई।
पुलिस ने वकार से भी पूछताछ की, इसके बाद दोनों को आमने-सामने बैठाया गया। लंबी पूछताछ के बाद पकड़े गए सिपाही ने वसूली की रकम के बारे में पुलिस अधिकारियों को बताया।
एसएसपी को इससे पहले भी भ्रष्टाचार की कई शिकायत मिल चुकी थी, जिसके चलते उन्होंने क्राइम मीटिंग में सभी थानेदारों को चेतावनी भी दी थी। दरअसल सोतीगंज इलाके में लगातार वाहन चोरों और कबाड़ियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था, बावजूद इसके इलाके में चोरी के वाहन मिल रहे थे। इंस्पेक्टर सदर बिंजेंद्र सिंह राणा ने अपने थाने पर
भ्रष्टाचार मुक्त के पोस्टर खुद चस्पा कराए थे। लेकिन वो खुद ही रिश्वत में लिप्त निकले। एसएसपी की ओर से पुलिस पर भ्रष्टाचार का यह दूसरा मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामले मे 15 पुलिसवाले सस्पेंड किए गए, जबकि 100 से ज्यादा पुलिस वाले लाइन हाजिर किए गए ।