एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी (Vivek Ram Chaudhary) भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के नए प्रमुख बन गए हैं. उन्होंने आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauriya) की जगह ली है. आरकेएस भदौरिया 42 साल की सेवा के बाद आज रिटायर हुए हैं. नए वायुसेना प्रमुख चौधरी वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान (WC) के कमांडर-इन-चीफ के रूप में भी काम कर चुके हैं. इस कमान के पास संवेदनशील लद्दाख क्षेत्र (LAC) के साथ-साथ उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में देश के वायु क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है.ऐसे में वीआर चौधरी के नए वायुसेना प्रमुख बनने के बाद चीन के साथ संबंधों में कुछ हद तक सुधार आने की उम्मीद की जा रही है. वहीं रिटायरमेंट से पहले निवर्तमान वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
3,800 घंटे से ज्यादा उड़ाए हैं एयरक्राफ्ट
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र और एयर चीफ मार्शल चौधरी 29 दिसंबर, 1982 को भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे. लगगभग 38 सालों के विशिष्ट करियर में उन्होंने भारतीय वायुसेना के अलग-अलग तरह के लड़ाकू और ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट्स उड़ाए हैं. उन्हें मिग-21, मिग-23 एमएफ, मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को 3,800 घंटे से ज्यादा के उड़ान का अनुभव है.
राफेल को वायुसेना में शामिल कराने में भी रहा रोल
जल्द ही वायुसेना (IAF) का हिस्सा बनने वाले एस-400 जैसे मॉर्डन डिफेंस सिस्टम के संचालन की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास होगी. वे जल्द ही स्वदेशी और विदेशी मूल के एयरक्राफ्ट को भारतीय वायुसेना में शामिल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. राफेल को भारतीय वायुसेना में शामिल कराने के पीछे भी आर एस चौधरी का हाथ है. उस वक्त अंबाला एयरबेस पश्चिमी वायु सेना कमांडर के अधीन ही था. ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन सफेद सागर (1999 में कारगिल संघर्ष के दौरान IAF द्वारा प्रदान की गई सहायता) के दौरान उनका अहम रोल रहा.