बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) के तीसरे चरण से पहले प्रचार के दौरान गठबंधन में दरार की पोल खुल गई। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार घुसपैठियों को शरण देने की बात कह कर अल्पसंख्यक मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में जुटे हैं तो वहीं सीएम योगी घुसपैठियों को देश से बाहर करने की प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं। ऐसे में दोनों ही सियासी सूरमाओं के बयानों के बीच दिखती खाई में गठबंधन का दरार नजर आ रहा है। बता दें कि बिहार में तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किशनगंज में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसी में भी इतना दम नहीं है कि वो हमारे लोगों को देश से बाहर कर दें तो कुछ दूर पर चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे सीएम योगी ने सभी घुसपाैठियों को देश से बाहर करने की बात कही।
यहां पर हम आपको बताते चले कि जिस इलाके में नीतीश कुमार ने जनसभा को संबोधित किया है, वहां पर मुस्लिमों की आबादी अच्छी खासी संख्या में है और बीते दिनों जिस तरह से सीएए और एनआरसी को लेकर विरोधी दलों ने अपनी सियासी रोटियां सेंकने का काम किया है। उससे तो यह साफ जाहिर था कि इस मसले का दबदबा बिहार चुनाव में भी देखने को मिलेगा, लेकिन बीते दिनों काफी दिनों से सियासी गलियों से ओझल हो चुका यह मुद्दा न जाने कैसे सीएम योगी सहित नीतीश कुमार के मुख से निकल गया।
सब को साथ ले कर चलना ही हमारा धर्म है। यही हमारी संस्कृति है। सब साथ चलेंगे तो बिहार आगे बढ़ेगा। pic.twitter.com/uEfnVJPiay
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 4, 2020
इसके साथ ही उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए मुद्दे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सभी को साथ लेकर चलना ही हमारा मकसद है। उन्होंने भाषण के एक अंश का वीडियो क्लिप साझा करते हुए ट्वीट किया है, “सब को साथ ले कर चलना ही हमारा धर्म है.. यही हमारी संस्कृति है.. सब साथ चलेंगे तो बिहार आगे बढ़ेगा..”