जम्मू- कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकियों के नए हथियार स्टिकी बम के खतरे से निपटने के लिए सुरक्षाबलों ने व्यापक रणनीति बना ली है. जम्मू पुलिस (Jammu Police) न केवल भीड़ वाले इलाकों में सीसीटीवी कैमरे से नजर रख रही है, बल्कि इसके साथ ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसे इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान चला रही है. साथ ही आम लोगों और ट्रांसपोर्ट यूनियनों (transport unions) को स्टिकी बम से बचाव के तरीकों को लेकर जागरूक किया जा रहा है.
बुधवार (28 सितंबर) और गुरुवार (29 सितंबर) को जिस तरह से आतंकियों ने जम्मू के उधमपुर में स्टिकी बम से सीरियल ब्लास्ट कर गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले प्रदेश में खून खराबा फैलाने की कोशिश की उससे सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. आतंकियों के हाथ लगे इस नए हथियार स्टिकी बम से आम जनता को नुकसान ना हो इसके लिए जम्मू पुलिस ने इस बम से बचने के लिए व्यापक रणनीति (comprehensive strategy) बना ली है. जम्मू पुलिस और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में जम्मू रेलवे स्टेशन बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले इलाकों में खड़े वाहनों में व्यापक तलाशी अभियान (search operation) चलाना शुरु कर दिया है. इसके साथ ही बस स्टैंड इलाके में आने वाले गाड़ी की भी डॉग स्क्वायड से चेकिंग करवाई जा रही है.
ऐसे रखी जा रही नजर
भीड़भाड़ वाले एरिया में तलाशी अभियान के साथ ही हर संदेश पर नजर रखने के लिए जम्मू पुलिस ने जगह-जगह सीसीटीवी से नजर रख रही है. इसके लिए जम्मू पुलिस ने हर थाना क्षेत्र में पुलिस जवानों को विशेष तौर पर चौबीसों घंटे कैमरे से नजर रखने के लिए तैनात कर दिया है. जम्मू के संवेदनशील और भीड़ वाले इलाके में 24 घंटे नजर रखने के लिए वहां के पुलिस थानों में अतिरिक्त तैनाती भी कर दी गई है.
आतंकी स्टिकी बमों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सार्वजनिक वाहनों में कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस ने बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन में यात्रियों और यहां की दुकानदार और ट्रांसपोर्ट यूनियनो को को स्टिकी बम का पता लगने पर तुरंत बताने को कहा है. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से सीमा से लगातार पाकिस्तान जम्मू- कश्मीर में सक्रिय अपने आतंकियों के लिए स्टिक एवं ड्रोन के जरिए भेज रहा है. उधमपुर में हुए ब्लास्ट के बाद अब पुलिस ने भी आतंक के इन नए हथियारों से निपटने के लिए व्यापक रणनीति तैयार कर ली है.