पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन (Farmer Protest) और बदलते राजनीतिक परिदृश्य ने 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections 2022) से पहले अब नए राजनीतिक संयोजन तैयार कर दिए हैं. क्षेत्र में समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन (RLD) में भीम आर्मी (Bhim Army) के राजनीतिक विंग- आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) में शामिल होने की संभावना है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर के बीच बातचीत चल रही है.
एक सूत्र ने कहा, “दोनों नेताओं ने तीन बार एक-दूसरे से बात की है और अगर सब कुछ ठीक रहा तो पश्चिम यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections 2022) में सपा (SP)-आरएलडी (RLD)-भीम आर्मी (Bhim Army) के गठबंधन (Alliance) को देखा जा सकता है.” 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन में बसपा भी शामिल हो गया चंद्रशेखर से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सभी सवालों को खारिज कर दिया, लेकिन कहा कि सभी दलों को बीजेपी को हराने के लिए एक साथ आना होगा, जिससे राज्य और इसके लोगों, विशेष रूप से कमजोर वर्गो को अपूरणीय क्षति हुई है.
मुख्यमंत्री पद की दौड में नहीं RLD और भीम आर्मी
इस बीच, भीम आर्मी (Bhim Army) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पश्चिमी यूपी में वर्तमान स्थिति में, पा (SP)-आरएलडी (RLD)-भीम आर्मी (Bhim Army) गठबंधन एक विजयी संयोजन साबित हो सकता है. उन्होंने कहा, “सबसे अच्छी बात यह है कि भीम आर्मी और रालोद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं. गठबंधन (Alliance) तभी टूटता है जब शीर्ष पद के लिए एक से अधिक दावेदार हों.”
चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता आगामी पंचायत चुनाव अपने बैनर के तहत लड़ने की है. उन्होंने कहा, “हम पंचायत चुनावों में बूथ स्तर तक अपने संगठन का निर्माण करेंगे और फिर भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे.” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सपा-रालोद-भीम आर्मी गठबंधन मुस्लिम, जाट और दलितों को एक मंच पर ला सकता है और इससे क्षेत्र में भाजपा को नुकसान पहुंच सकता है. अखिलेश भी विधानसभा चुनावों के लिए एक आक्रामक सहयोगी की तलाश में हैं, क्योंकि पिछले साल बसपा ने उनका साथ छोड़ दिया था.