उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly Election) 2022 में चुनाव में भाजपा बहुमत की तरफ बढ़ती नजर आ रही है. यूपी विधानसभा चुनाव के आए रूझानों से यह साफ हो गया है कि प्रदेश में भाजपा (BJP) की सरकार एक बार फिर बनने जा रही है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मुख्यमंत्री के तौर पर ताजपोशी की संंभावनाए भी प्रबल हो गई हैं. अगर वह मुख्यमंत्री बनते हैं तो यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा और उनके शपथ लेते ही वह यूपी की सियासत से जुड़े 4 रिकॉर्ड तोड़ देंगे. आईए जानते हैं दोबारा मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ कौन से 4 रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं.
‘नोएडा’ का मिथक तोडेंगे योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश की राजनीति में नोएडा एक मिथक है. जिसके तहत माना जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा दौरे पर आता है, उसे अगले बार मुख्मयंत्री बनने का मौका नहीं मिलता है. यह मिथक कांग्रेस के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के जमाने से बना हुआ है. यही कारण कि इसके बाद कई मुख्यमंत्रियों ने नोएडा आने से परहेज किया. सत्ता में रहते हुए अखिलेश यादव भी नोएडा नहीं गए, जबकि योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा के कई दौरे किए हैं.
भाजपा के पहले मुख्यमंत्री जिन्होंने पूरा किया कार्यकाल
योगी आदित्यनाथ भाजपा के पहले मुख्यमंत्री होगें, जो 19 मार्च को पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं. इसके अलावा वह तीसरे मुख्यमंत्री भी बनेंगे, जिन्होंने एमएलसी रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा किया. इससे पहले अखिलेश यादव ने 15 मार्च 2012 से 19 मार्च 2017 तक समाजवादी पार्टी सरकार तथा बहुजन समाज पार्टी की मायावती ने 13 मई 2007 से 15 मार्च 2012 तक कार्य किया था.
कई सालों बाद विधानसभा सदस्य बनेगा मुख्यमंत्री
भाजपा नेता एवं गोरखपुर शहर से चुनाव लड रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यदि मुख्यमंत्री बनते हैं .तो मुलायम सिंह यादव के बाद वह ऐसे मुख्यमंत्री होंगे, जो विधानसभा के सदस्य के तौर पर मुख्यमंत्री बनेंगे. योगी लगातार तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री भी हैं, जो एमएलसी रहते हुए मुख्यमंत्री बने है. उत्तर प्रदेश के इतिहास में यूपी उनसे पहले समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और मायावती ने विधानपरिषद सदस्य रहते हुए यह करिश्मा दिखाया है. इसके पहले इन दोनो ही नेताओं ने अपना कार्यकाल पूरा करने का काम किया है.
नारायण दत्त तिवारी के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे नेता होंगे
यूपी की राजनीति में उठापटक के चलते टकराव के बीच कभी कोई भी मुख्यमंत्री दोबारा इस पद पर आसीन नहीं हो सका. यही कारण है कि 1985 में कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी ही ऐसे मुख्यमंत्री हुए, जिन्हे लगातार दो बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला. वही अब योगी आदित्यनाथ भी भाजपा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे, जो दूसरे कार्यकाल में भी पार्टी को बड़ी सफलता दिलाई है.