उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद जो तबाही मची उससे निपटने का काम जारी है. राहत और बचाव कार्य बेहद तेजी के साथ किया जा रहा है. अब तक 30 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. आर्मी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें लगातार काम में जुटी हैं. सोमवार को भी रात भर बचाव कार्य चला है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कल तपोवन में राहत और बचाव कार्यों पर आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस और जोशीमठ के अन्य एजेंसियों के साथ बैठक की थी.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बयान जारी करके कहा है कि 197 लोग अभी लापता, लापता लोगों की खोज युद्ध स्तर पर जारी है. दूसरी टनल 35 में से 25 लोग फंसे हुए हैं. नेवी और एयरफोर्स की टीम बचाव कार्य मे लगी है. आर्मी द्वारा टनल के गेट पर मलबे को साफ किया गया है. नेवी की गोता खोर टीम भी राहत में जुटी है. प्रभावित इलाके में बिजली बहाल कर दी गयी है. केंद्र राज्य सरकार के साथ है हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
468 करोड़ रुपये केंद्र की तरफ से दिया गया है. बचाव कार्य युद्ध स्तर पे जारी है. आपदा के 55 घंटे बाद तपोवन घाटी में हुए नुकसान और जनधन हानि का एरियल सर्वे सहित ड्रोन कैमरे और सेंसर से लापता लोगों की लोकेशन ढूंढने के प्रयास भी तेज कर दिए गे हैं. जोशीमठ की तपोवन और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट मे आई जल आपदा मे अब तक 206 लापता लोगों मे से कुल 33 लापता लोगों के शव बरामद हो चुके हैं, इसके अलावा 7 मानव अंग भी रेस्क्यू टीम ने बरामद किए हैं.