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उत्तराखंड में बदला मौसम का मिजाज, देहरादून में जमकर हुई बारिश

उत्तराखंड में सोमवार की सुबह मौसम के तेवर कुछ नरम दिखे। लेकिन दोपहर बाद मौसम खराब हुआ और देहरादून में बारिश हुई। इससे पहले देहरादून सहित अधिकतर इलाकों में सुबह से ही मौसम साफ बना हुआ है और धूप खिली रही। मौसम विभाग ने सोमवार को ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम सामान्य रहने की संभावना जताई थी। इस बीच कहीं-कहीं हल्की वर्षा के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में आज कहीं-कहीं आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। हालांकि ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क रह सकता है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत में कहीं-कहीं तीव्र बौछार पड़ सकती हैं। इसके बाद मंगलवार और बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मध्यम वर्षा हो सकती है।

तरसाली के पास पहाड़ी से गिरने से क्षतिग्रस्त हुए दो वाहन

केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तलसारी गांव के पास खडे दो छोटे वाहनों पर अचानक मलबा एवं पेड़ गिरने से दोनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। वाहन स्वामियों का आरोप है कि एनएच ने आलवेदर रोड का कार्य आधा अधूरा छोड़ने से उनके वाहनों को नुकसान पहुंचा है।

बीते शनिवार को हुई वर्षा के चलते रविवार सुबह दस बजे करीब फाटा से दो किलोमीटर दूर तरसाली गांव के रास्ते पर आलवेदर रोड कटिंग में चौड़ी की गई सड़क किनारे खड़ी दो कारें क्षतिग्रस्त हो गई, हालांकि कारों में कोई भी व्यक्ति बैठा नहीं था। इससे पहले, जून माह के अंतिम सप्ताह में भी मलबा गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे।

वाहन स्वामी केवलानंद थपलियाल व बिशंबर दत्त सेमवाल ने बताया कि आलवेदर रोड कटिंग का कार्य कंपनी ने अधूरा छोड़ दिया गया है। इस स्थान पर सुरक्षा दीवार न लगाने से यहां पर बरसात में चट्टान खिसकने से आज हमारे वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भविष्य में और व्यक्तियों के वाहन भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। उन्होंने एनएच से आलवेदर का निर्माण कार्य पूरा करने की मांग की है

देवाल: सड़क निर्माण का मलबा बस्ती में आया, 11 परिवार शिफ्ट

पिंडरघाटी में लगातार हो रही वर्षा से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। देवाल विकास खंड के चोटिंग व चनियाली गांव में मानमति-चोटिंग-उपथर मोटर मार्ग का मलबा एकाएक बरसाती पानी के साथ गांव की ओर आवासीय क्षेत्रों में घुसने से अफरातफरी मच गई। मलबे के कारण खतरे में आए गांव के 11 परिवारों को प्रशासन ने मिलन केंद्र, प्राथमिक विद्यालय और अन्य सरकारी संस्थानों में रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बना कर शिफ्ट किया। प्रभावितों को टैंट व अन्य सामग्री भी दी गई है।