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उत्तराखंड बजट सत्र 2021: रानीखेत और द्वाराहाट होते हुए गैरसैंण पहुंचें सीएम त्रिवेंद्र रावत ने की ये बड़ी घोषणा

एक मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैण) पहुंचे। इस दौरान वे विकास और जनता की नब्ज टटोलते हुए रानीखेत व द्वाराहाट से होते हुए गैरसैंण पहुंचे।


मुख्यमंत्री का कहना है कि जनता से संवाद के दौरान कई बार ऐसे सुझाव मिलते हैं, जो ज्यादा व्यावहारिक होते हैं। नॉलेज शेयरिंग का यह सिलसिला स्वस्थ लोकतंत्र का लक्षण है। मुख्यमंत्री के अनुसार, पिछली बार सत्र के दौरान वह सड़क मार्ग से ही गैरसैण गए थे। उस दौरान उन्होंने स्थान-स्थान पर जनता से संवाद किया और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

शिक्षा में सुधार को लेकर बड़ी घोषणा की
सीएम त्रिवेंद्र ने द्वाराहाट में शिक्षा में सुधार को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्तर के उन स्कूलों को क्लब किया जाएगा, जिनमें छात्रों की संख्या कम है। क्लब करने के बाद प्रत्येक स्कूल में पांच-पांच शिक्षक तैनात किए जाएंगे और स्कूल वैन भी लगाई जाएगी।

राज्यपाल भी पहुंचेंगी भराड़ीसैंण
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य भी आज शाम तक भराड़ीसैंण पहुंचेंगी। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि राज्यपाल रविवार को हेलीकॉप्टर से भराड़ीसैंण हेलीपैड पहुंचेंगी। वहां से कार से विधानसभा आवास पहुंचेंगी और एक मार्च को बजट सत्र में अभिभाषण देंगीं।

रानीखेत में किए हैड़ाखान मंदिर के दर्शन
गैरसैंण रवाना होने से पहले सीएम त्रिवेंद्र ने कुमाऊं मंडल भ्रमण के दूसरे दिन यानी आज सुबह रानीखेत में हैड़ाखान मंदिर जाकर भोले बाबा के दर्शन किए।

बजट सत्र के बाद हर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे मुख्यमंत्री

बजट सत्र के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हर विधानसभा का दौरा करेंगे। इस दौरान वे जन समस्याओं का सुनेंगे और मौके पर ही उसके समाधान का प्रयास करेंगे। बकौल, मुख्यमंत्री जनता और जनप्रतिनिधि के बीच निरंतर संवाद होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने अधिकतर विधानसभाओं का दो से तीन बार दौरा किया है। आने वाले समय में एक बार फिर हर विधानसभा का दौरा करूंगा। इस दौरान जनता से मिलूंगा और उनकी समस्याएं सुनूंगा। उनकी पूरी कोशिश है कि वह जनता से जितना अधिक संवाद कर सकते हैं, करेंगे। उनका मानना है कि जनता और जनप्रतिनिधि के बीच जितना अधिक संवाद होगा, उतना ही जनता के मन को समझने का अवसर मिलेगा।