चीन की एक टॉप यूनिवर्सिटी इस दिनों जबरदस्त विवादों में आ गयी है। यह यूनिवर्सिटी अपने कुछ विज्ञापनों की वजह से सुर्ख़ियों में आ गयी है। यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है।
इस विज्ञापन की वजह से अब बवाल मच गया है। कई लोग कह रहे हैं कि यूनिवर्सिटी महिलाओं को ऑब्जेक्टिफाई कर रही है।दरअसल चीन की नानजिंग यूनिवर्सिटी ने बीते दिनों इस विज्ञापन को वहां के मशहूर सोशल मीडिया एप वाईबू पर शेयर किया था। यूनिवर्सिटी द्वारा शेयर इस विज्ञापन में छह स्टूडेंट्स को दर्शाया गया था। ये सभी छात्र-छात्राएं इसी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं। विज्ञापन में देखा जा सकता है कि इन स्टूडेंट्स के हाथ में एक साइन बोर्ड है और ये सभी स्टूडेंट यूनिवर्सिटी के अलग-अलग हिस्सों में खड़े हुए हैं। इन सभी फोटोज में दो तस्वीरें ऐसी थीं जिन्हें देखकर सोशल मीडिया पर लोग भड़क गए। सोशल मीडिया पर शेयर विज्ञापन की एक तस्वीर में देखा जा सकता है कि एक गुड-लुकिंग छात्रा हाथ में एक साइन बोर्ड लिए यूनिवर्सिटी में एक साइड खड़ी है।इस साइन बोर्ड में लिखा था- ‘क्या आप मेरे साथ इस यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में सुबह से लेकर रात तक समय बिताना पसंद करेंगे?।’ इसके साथ ही एक और छात्रा के साइन बोर्ड पर भी काफी बवाल हो रहा है। इस लड़की ने हाथ में जो साइन बोर्ड लिया है उस पर लिखा था- ‘क्या आप मुझे अपने यूथ का हिस्सा नहीं बनाना चाहते हैं?
सोशल मीडिया पर इन दोनों तस्वीरों के सामने आने के बाद अब चीन के लोग इस यूनिवर्सिटी की जमकर आलोचना कर रहे हैं। हालांकि विज्ञापन में कुछ और छात्र भी हाथ में साइन बोर्ड नजर आ रहे हैं लेकिन उनके साइन बोर्ड पर लिखे कंटेंट बिल्कुल विवादित नहीं थे। एक स्टूडेंट के साइन बोर्ड पर लिखा था कि ‘क्या आप एनजीयू का ईमानदार, मेहनती और महत्वाकांक्षी स्टूडेंट बनना पसंद नहीं करेंगे?
यूनिवर्सिटी ने जैसे ही ये विज्ञापन सोशल मीडिया पर शेयर किये। इस पर कई कमेंट्स आने लगे और यूनिवर्सिटी के सेक्सिस्ट रवैये की कड़ी आलोचना होने लगी। एक यूजर ने कमेंट किया ‘क्या वो लड़कियां मेहनती नहीं हैं जिन्होंने इस यूनिवर्सिटी का एंट्रेस टेस्ट पास किया?’ वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा ‘फिर आखिर उनका इस्तेमाल कर लड़कों को रिझाने की कोशिश क्यों की जा रही है? वही एक अन्य शख्स का कहना था कि ‘एक टॉप यूनिवर्सिटी होने के नाते आपके अपने एकेडेमिक रिकॉर्ड के बलबूते स्टूडेंट्स को बुलाना चाहिए ना कि इस तरह की बकवास हरकत करनी चाहिए।’ हालांकि विवाद बढ़ता देख एनजेयू ने इन विज्ञापनों को सोशल मीडिया पर से डिलीट कर दिया है। वही कुछ लोगों का ये भी कहना था कि सोशल मीडिया पर लोगों ने ओवर रिएक्ट किया है।