कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच फिर एक डराने वाली खबर सामने आई है. इसी गर्मी (अगले कुछ महीने) में कोरोना फिर कहर बरपा सकता है. इसके पीछे Delta के सब-वैरिएंट होंगे जो कि खतरनाक रूप लेते जा रहे हैं. ताजा स्टडी चिंता इसलिए बढ़ाती है क्योंकि डेल्टा ही कोरोना का वह वैरिएंट है जिसकी वजह से कोरोना की घातक दूसरी लहर आई थी. कोविड पर ताजा स्टडी इजरायल में हुई है.
The Total Environment साइंस पत्रिका में इस स्टडी को छापा गया है. डेल्टा वैरिएंट कितना खतरनाक है इसको स्टडी में बताई गई एक बात से समझा जा सकता है. इसमें लिखा है कि डेल्टा ने उन सभी वैरिएंट को खत्म कर दिया था जो कि इससे पहले आए थे, लेकिन डेल्टा के बाद आया ओमिक्रॉन इस घातक वैरिएंट का पूरी तरह खात्मा नहीं कर सका है और यह फिर से उभर सकता है.
यह स्टडी इजरायल की Ben-Gurion University के शोधकर्ताओं ने की है. यूनिवर्सिटी ने एक ऐसी व्यूह-रचना बनाई थी जिसमें वेस्टवाटर (गंदे नाले के पानी) की मदद से कोरोना वैरिएंट के बीच फर्क पता किया जा सकता है. इतना ही नहीं अगर PCR या रैपिड टेस्ट नेगेटिव भी है तो यह व्यूह-रचना बताती थी कि कोरोनावायरस कहां एक्टिव है.
लिए गए नाले के सैंपल
शोधकर्ताओं ने दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 तक के आंकड़े इस शोध में इस्तेमाल किये हैं. इसके लिए Beer-Sheva शहर में मौजूद नाले के सैंपल लिये गए. यहां इनको ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के बीच चिंता बढ़ाने वाली परस्पर क्रिया का पता चला.
शोध पर बात करते हुए यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Ariel Kushmaro कहते हैं, ‘बहुत सी बातें सामने आई हैं. लेकिन हमारा टेस्ट मॉडल बताता है कि इस गर्मी डेल्टा या फिर किसी और कोरोना वैरिएंट की लहर आ सकती है.’
प्रोफेसर बोले कि जब भी कोई नया वैरिएंट आता है तो वह पिछले वैरिएंट पर हावी हो जाता है और कुछ वक्त में उसे खत्म कर देता है. लेकिन डेल्टा के मामले में ऐसा नहीं हुआ है. सीवेज के पानी से मिले रिजल्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन जब बढ़ा तब भी डेल्टा का गुप्त संचलन जारी रहा. प्रोफेसर ने आगे कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो डेल्टा फिर उभरकर नई लहर के रूप में सामने आ जाएगा.
हवा से फैल रहा कोरोना
इजरायल की रिपोर्ट के बीच भारत में हुई एक स्टडी ने भी डर बढ़ाया है. हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) और चंडीगढ़ स्थित IMTech का कहना है कि अब कोरोना हवा में भी फैल रहा है. इतना ही नहीं, इस स्टडी में ये भी सामने आया है कि आउटडोर के मुकाबले इनडोर में हवा के जरिए कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है.