आर्थिक संकट से बदहाल पाकिस्तान में पानी को लेकर जो नई दिक्कतें खड़ी हुई हैं उन्हें लेकर इमरान सरकार के खिलाफ विपक्षी दल सक्रिय हो गए हैं। जल संकट को लेकर सिंध और पंजाब प्रांत में अकाल जैसे हालात की चेतावनी दी गई है। अब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सिंध प्रांत के सचिव ने चेताया है कि यदि हालात जल्द न सुधरे तो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विद्रोह किया जाएगा। पीपीपी के सिंध प्रांत के सचिव अजीज धामरा ने कहा है कि राज्य के धान उत्पादक क्षेत्र में किसानों तक पानी नहीं पहुंच रहा है जिससे कृषि बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इसका नतीजा देश में गंभीर खाद्य संकट के रूप में दिखेगा। उन्होंने इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकारी अधिकारी अपनी जनविरोधी और खराब नीतियों से सिंध का आर्थिक विकास रोकने की कोशिशें करते रहे हैं।उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू करने को तैयार है क्योंकि वह पंजाब को सिंध का पानी जारी नहीं करने दे रही है। उधर, पंजाब प्रांत में मुख्यमंत्री के विशेष सहायक डॉ. फिरदौर आशिक अवान ने बताया कि हम पीपीपी के आरोप खारिज करते हैं क्योंकि हमने हमेशा सिंध की मदद की है लेकिन अब उसे अपने हक पर डाका नहीं डालने देंगे।
जल बंटवारे को लेकर सिंध-पंजाब में रस्साकशी
जल वितरण पर पाकिस्तान के सिंध और पंजाब के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) के सदस्यों में रस्साकशी उस समय बढ़ गई जब सिंधु से टीपी-लिंक नहर के खुलने कारण रिपेरियन संघ इकाइयां पेयजल को तरसने लगीं। रिपोर्ट के अनुसार आईआरएसए ने देश में 10 जून तक 17 फीसदी जल की कमी का अनुमान लगाया है। इसके बाद पंजाब और सिंध के सीएम आपस में भिड़ गए हैं।
पत्रकारों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ प्रस्ताव पेश
पाकिस्तान में पत्रकारों और कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ पंजाब प्रांत विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया है। विधानसभा के एक स्वतंत्र सदस्य जुगनू मोहसिन ने प्रस्ताव पेश कर इन हमलों की निंदा की है। इसके जरिए उन्होंने पत्रकारों की हत्या और उत्पीड़न की ओर राज्य का ध्यान खींचा। मोहसिन ने हाल ही में असद अली तूर पर हुए हमले और हामिद मीर के शो पर प्रतिबंध का भी जिक्र किया।