पाकिस्तान में सियासी ड्रामा (Pakistan Political Crisis) जारी है. अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने और नेशनल असेंबली भंग करने के मुद्दे पर इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट का करारा झटका लगा है. इमरान खान (Imran Khan Resignation) ने शुक्रवार दोपहर 2 बजे कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है. इसके बाद शाम को वे एक बार फिर देश को संबोधित करेंगे. इसी बीच PTI के सांसद फैसल जावेद ने ट्वीट कर दावा किया है कि आज इमरान खान बड़ी घोषणा करने वाले हैं. उन्होंने कहा- ‘इमरान मुल्क को निराश नहीं करेंगे.’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान इस संबोधन में कैबिनेट सहित इस्तीफा दे सकते हैं. कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ऐसी चर्चा है कि इमरान खान आज शाम अपने संबोधन में इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं. इस दौरान पाकिस्तान में गृहमंत्री शेख रशीद ने कहा- ‘मैंने पहले ही इमरान खान को इस्तीफा देने की सलाह दी थी. मैं पिछले 3 महीने से उन्हें इस्तीफा देने को कह रहा था.’
सुप्रीम कोर्ट में कल क्या हुआ?
दरअसल, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में सियासी ड्रामे को लेकर 4 दिन चली सुनवाई चली. गुरुवार रात को कोर्ट ने कहा- ‘अविश्वास प्रस्ताव खारिज करना और नेशनल असेंबली भंग करना दोनों काम गैरकानूनी थे. प्रधानमंत्री इमरान खान को यह अधिकार नहीं है कि वो राष्ट्रपति से संसद भंग करने को कहें.’ कोर्ट ने 9 तारीख को इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का सामना करने को कहा है. अदालत के फैसले के बाद इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेताओं ने इमरान के घर मीटिंग की. आज फिर कैबिनेट की मीटिंग है.
70 सांसद नहीं चाहते इस्तीफा देना
इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान में पीटीआई के अंदर फूट पड़ चुकी है. पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच इमरान खान की पार्टी में फूट 70 सांसद इस्तीफा नहीं देना चाहते हैं.
शहबाज शरीफ विपक्ष का पीएम चेहरा
वहीं, अगर इमरान सरकार अविश्वास प्रस्ताव में हार गई तो नवाज शरीफ परिवार की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ जाएगा. विपक्ष ने नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ को पीएम का चेहरा घोषित किया है.
पाकिस्तानी फौज ने भी कर लिया किनारा
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल बाजवा के नेतृत्व में सेना भविष्य में भी तटस्थ रहेगी. उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने एक स्पष्ट रणनीति बनाई है कि लोकतंत्र, संविधान और संसद को मजबूत किया जाए. रिपोर्ट के मुताबिक,सेना ने साफ कर दिया है कि वह तटस्थ रहेगी. इससे पहले इमरान खान और उनकी पार्टी के नेता बार-बार यह दावा कर रहे थे कि पाकिस्तानी सेना का उन्हें समर्थन हासिल है.