पाकिस्तान इन दिनों सियासी संकट का सामना कर रहा है. आज नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. लिहाजा इमरान खान के लिए अग्नि परीक्षा की घड़ी है. वहीं विपक्षी पार्टियां लगातार इमरान खान को निशाना बना रही हैं. बीते दिन इमरान खान ने देश की आवाम को संबोधित करते हुए भारत की तारीफ की थी. इसके बाद मरियम नवाज ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत की तारीफों के कसीदे पढ़ने वाले इमरान खान को ये नहीं भूलना चाहिए कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार महज एक वोट से गिर गई थी. वह एक वोट से हार गए थे. लेकिन किसी ने भी संविधान, लोकतंत्र और नैतिकता के साथ खिलवाड़ नहीं किया.
इतना ही नहीं, मरियम नवाज ने कहा कि मैंने पहली बार किसी को सत्ता के लिए इस तरह रोते देखा है. इमरान खान सत्ता के लिए रो रहे हैं. इस सत्ता को जाते देख उस इंसान से कोई कहे कि उसे अपनी ही पार्टी ने निकाल दिया है और किसी ने नहीं. इमरान की ओर से भारत की तारीफ करने पर मरियम ने कहा कि अगर आप भारत को इतना पसंद करते हैं तो वहां शिफ्ट हो जाएं और पाकिस्तान की जिंदगी छोड़ दें. दरअसल, इमरान ने कहा था कि हिंदुस्तान पाकिस्तान के साथ आजाद हुआ था. मैं काफी बेहतर से जानता हूं. क्रिकेट की वजह से मुझे वहां काफी इज्जत मिलती रही, प्यार मिला.
भारतीय खुद्दार कौम है. मैं निराश हूं कि केवल आरएसएस की विचारधारा और भारत सरकार द्वारा कश्मीर के साथ जो किया गया, उसकी वजह से हमारे बीच संबंध अच्छे नहीं हैं. मेरी भारत से कोई दुश्मनी नहीं है. लेकिन आज कोई भी महाशक्ति भारत के लिए शर्तें तय नहीं कर सकती. बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल सासदों की संख्या 342 है. यानी इमरान खान को फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए 172 वोट हासिल करने होंगे. लेकिन मौजूदा वक्त में इमरान खान की सरकार को 142 सांसदों का ही समर्थन हासिल है, जबकि विपक्ष अपने साथ 199 सांसदों के होने का दावा कर रहा है.
8 मार्च को पाकिस्तान के विपक्षी गठबंधन ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था. उस वक्त इमरान सरकार को 176 सांसदों का समर्थन हासिल था, लेकिन अब ठीक एक महीने बाद इमरान सरकार के पास सिर्फ 142 सांसदों का समर्थन है. यानी इमरान सरकार का विकेट गिरना तय है, लेकिन इसे पाकिस्तान की बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि इमरान की जगह जो शख्स प्रधानमंत्री बनेगा, उसका नाम भले ही शाहबाज शरीफ हो, लेकिन वो भी कोई बहुत शरीफ नेता नहीं हैं.