जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव (UP Jila Panchayat President Election) में मुलायम सिंह के गढ़ इटावा में बीजेपी को करारी हार मिली है. बीजेपी यहां पर सिर्फ एक ही सीट पर जीत दर्ज कर सकी. हैरानी की बात ये है कि एक लोकसभा सांसद, एक राज्यसभा सांसद और दो विधायकों के बाद भी बीजेपी यहां सिर्फ एक ही सीट पर सिमट (Bjp Defeat Etawah Seat) कर रह गई है. अब सवाल ये उठ रहा है कि इतने प्रभावी नेताओं के बाद बीजेपी से कहां चूक हो गई.
बतादें कि इटावा में जिला पंचायत अध्यक्ष (Etawah Jila Panchayat Chunav) पद पर मुलायम सिंह के भतीजे अभिषेक यादव ने जीत दर्ज की है. पार्टी की जीत के बाद एसपी में खुशी की लहर है. वहीं अभिषेक यादव (Abhishek Yadav) का कहना है कि बीजेपी की नाकामी की वजह से ही उनको यहां पर जीत हासिल हुई है. उन्होंने बीजपी पर झूठ की राजनीति करने का आरोप लगाया.
BJP पर झूठ की राजनीति का आरोप
अभिषेक यादव ने कहा कि झूठ की राजनीति की वजह से ही बीजेपी को सिर्फ एक ही सीट पर संतोष करना पड़ा है. बीजेपी तो अध्यक्ष पर के लिए कोई उम्मीदवार तक घोषित नहीं कर सकी. उनका कहना है कि पार्टी की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए कोई कोशिश ही नहीं की गई. वहीं बीजेपी जिला अध्यक्ष अजय धाकरे का भी कहना है कि उनकी पार्टी के पास जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सही जनमत ही नहीं था. यही वजह रही कि पार्टी ने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया था. वहीं अब हार के कारणों की समीक्षा की जा रही है.
इससे पहले बीजेपी मुलायम के गढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव जीतने का दावा कर रही थी. साल 1989 से इटावा सीट पर मुलायम परिवार का कब्जा रहा है. इस बार भी बीजेपी इसे अपने पाले में नहीं कर सकी. बीजेपी का हर छोटा और बड़ा नेता इस सीट को मुलायम परिवार के कब्जे से मुक्त कराने का दावा करता रहा है. लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
शिव प्रसाद यादव ने किया था चुनाव लड़ने से इनकार
पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव के जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकार के बाद बीजेपी को करारा झटका लगा था. शिव प्रसाद के इनकार के बाद बीजेपी आधी लड़ाई पहले ही हार गई थी. पार्टी शिव प्रसाद को एसपी नेता अभिषेक यादव के खिलाफ उतारना चाहती थी, लेकिन उन्होंने पहले ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.