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इंदौर पहुंचे मोहन भागवत, जुटा रहे सत्ता-संगठन की जानकारी, कर रहे समाज के लोगों से मुलाकात

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत  इंदौर  में हैं. उनका यहां दो दिन का कार्यक्रम है. मोहन भागवत यहां सत्ता और संगठन का फीडबैक  लेंगे. दौरे के दौरान उनका कई लोगों से मुलाकात का कार्यक्रम भी है.


संघ प्रमुख मोहन भागवत  मंगलवार को यहां पहुंचे। करीब 3 घंटे संघ कार्यालय में पूजा अर्चना करने के बाद बंगाली चौराहे के चमेली पार्क में विनोद अग्रवाल के घर लंच करने पहुंचे. उन्होंने उस दौरान बुद्धजीवियों से मुलाकात की. सुबह संघ कार्यालय में भी उनकी चुनिंदा लोगों से मुलाकात की. हालांकि उनके कार्यक्रम से मीडिया को दूर रखा गया है. वे दो दिन तक इंदौर (Indore) में रहकर समाज के विशिष्टजनों से संपर्क करेंगे. साथ ही अपने कामों से समाज में विशिष्ठ स्थान बनाने वाले शिक्षाविदों से संवाद करेंगे.

साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स से मिलेंगे
वे साइन लैंग्वेज को भाषा का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित से भी मुलाकात करेंगे. पुरोहित दंपत्ति दिव्यांगों के लिए एक संस्था भी चलाते हैं. अभी हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साइन लैंग्वेज को भाषा का दर्जा दिया है,जिसका फायदा देश के करोड़ों दिव्यांगों को मिला है.

सत्ता और संगठन का फीडबैक
मोहन भागवत(Mohan Bhagwat) का ये दौरा वैसे तो रूटीन बताया जा रहा है लेकिन वे अपने प्रवास के दौरान सत्ता और संगठन का फीडबैक भी लेंगे. कोरोना प्रोटोकॉल(Corona Protocal) के कारण हालांकि उनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं रखा गया है. न ही वे कोई बड़ी बैठक करेंगे. लेकिन वे 8 से 10 लोगों की टोली के रूप में लोगों से मिलेंगे.

कांग्रेस का तंज-खिसकती जमीन जमाने की कोशिश
उधर कांग्रेस का कहना है वे बीजेपी की खिसकती जमीन की हकीकत जानने इंदौर आए हैं. महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा कि आप सभी को पता है कि जिस तरह से कोरोना काल में सभी परेशान रहे हैं चाहे वों व्यापारी हों या किसान महिला. सब लोग कहीं ना कहीं से दुखी हैं. मैं तो मोहन भागवत जी को मैं प्रणाम करती हूँ और कहना चाहती हूं कि वे अपने कार्यकर्ताओं को समझाएं कि जनता के दुख में भागीदारी करें. उनकी समस्याएं समझकर उनका निराकरण करें. अकेले बैठकें करने से कुछ होने वाला नहीं है. कल मोहन भागवत एक स्वयंसेवक के घर जाएंगे.